पिथौरा- स्थानीय शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला में दिव्यांग बच्चों से सम्बंधित ब्लॉक स्तरीय दस दिवसीय प्रशिक्षण वातावरण निर्माण कार्यशाला,ब्रेल लिपि एवं सांकेतिक भाषा सम्बन्धी प्रशिक्षण 22 सितंबर से प्रारंभ होकर 1 अक्टूबर को प्रारम्भ हुआ। इस प्रशिक्षण में प्राथमिक शाला के 10 शिक्षक एवं पूर्व माध्यमिक शाला के 10 शिक्षक उपस्थित रहे। जिसे सांकेतिक भाषा सम्बन्धी प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरअनिल पटनायक, सावित्री यादव एवं ब्रेल लिपि का प्रशिक्षण छबिराम बघेल एवं हेमंत साहू के द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में दिव्यांगता का कारण व रोकथाम के उपाय,दिव्यांग बच्चों से सम्बंधित कक्षा-कक्ष में किये जाने वाले प्रायोगिक कार्य,छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिव्यांगों हेतु संचालित महत्वाकांक्षी योजनायें एवं समावेशी शिक्षा को सफल बनाने हेतु किये जाने वाले सकारात्मक उपाय जैसे कई विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देकर प्रशिक्षित किया गया। दसवें दिवस के प्रथम सत्र में बीएआरसीसी अतुल प्रधान ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के विकास के लिए हम सबको मिलजुलकर प्रयास करना होगा।
स्कूली बच्चों को साक्षर बनाने के साथ -साथ योग्य नागरिक बनाना भी जरूरी है। द्वितीय सत्र में समापन के अवसर पर अतिथि के रूप में प्राचार्य ए आर बरिहा, एससीईआरटी की विद्यावती चंद्रकार,साक्षरता विभाग के ब्लॉक नोडल अधिकारी अरुण देवता ,सौ दिन सौ कहानियां कार्यक्रम के ब्लॉक नोडल अधिकारी छबिराम पटेल एवं भाषाई व गणितीय कौशल विकास कार्यक्रम के ब्लॉक नोडल अधिकारी अंतर्यामी प्रधान उपस्थित रहे। इस दौरान कार्यक्रम को छबिराम पटेल,विद्यावती चंद्रकार,अरुण देवता एवं अंतर्यामी प्रधान ने सारगर्भित विचारों से सम्बोधित किया। छबिराम पटेल ने कहा कि सीखना शतत् चलने वाली प्रक्रिया है। कुछ न कुछ जीवन भर सीखते रहें। विद्यावती चंद्रकार ने कहा कि कार्य को ईमानदारी पूर्वक करें तो उससे कहीं ज्यादा खुशी मिलती है। साक्षरता विभाग के ब्लॉक नोडल अधिकारी अरुण देवता ने कहा कि शिक्षा दान करना पुण्य काम है। समाज में साक्षरता दर बढ़े,इसके लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। प्रधानपाठक अंतर्यामी प्रधान ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। अपने ज्ञान को सीमित न रखें।क्योंकि ज्ञान बाँटने से वह बढ़ता है। समापन अवसर पर दस दिवसीय प्रशिक्षण प्रतिवेदन का वाचन फूलचंद भोई ने किया। प्रशिक्षण गतिविधियों में सुंदर प्रधान,हिरदे दीवान,सोमनाथ जगत,चंद्रिका साहू,सुलोचना पटेल,शकुंतला साहू,जयकुमारी निषाद,उदय कुमार,नित्यानंद पटेल,पुकराम कुर्रे,जयप्रकाश ध्रुव,भूषण पारेश्वर सहित सभी शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा।
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