ग्राम पंचायत से बदतर छपारा के हालात
सी एन आई न्यूज सिवनी छपारा से रविकुमार की रिपोर्ट
यूं तो छपारा को जद्दोजहद और आंदोलन के बात नगर परिषद का दर्जा मिला और 6 माह पहले प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष भी किंतु आज भी छपारा वासियों को सुविधा और विकास के नाम पर सिर्फ छलाॅंवा ही मिला, इससे बेहतर हालात तो ग्राम पंचायत समय थे। नगर में बहुत सारी मूल भूत सुविधा ओं का टोटा है भला हो छपारा बैनगंगा नदी के किनारे बसा है फिर भी नल में पानी की व्यवस्था अभी भी दुरुस्त नहीं हुई।दिन के अंतराल में पानी रेगुलर नहीं मिल रहा है। इसके अलावा सफाई कर्मियों की नगर परिषद के पास लंबी चौड़ी फौज होने के बाद भी नगर में गंदगी आसानी से देखी जा सकती है सम्पूर्ण नगर की नालियों इस कदर बजबजा रही हैं कि उनका गंदा पानी सड़कों पर बहते रहंता है।
नगर के बस स्टैंड स्थित एकमात्र पुरुष पेशाब घर जो कि जीर्ण शीर्ण हालात में है ,असामाजिक तत्वों ने उसमें भी तोड़ फोड़ कर दी है जिसका रिपेरिंग तक नहीं हुई वहीं इतनी गन्दगी है कि पांच मिनट खड़े रहना भी मुश्किल होता है, वहीं यदि परिषद प्रतिमाह अलग-अलग सफाई कर्मी को ड्यूटी लगा दे तो वह साफ और स्वच्छ रह सकता है। नगर की सड़कों के हालात भी खराब है, नगर की 70 प्रतिशत सड़कें जर्जर हो चुकी हैं जो अपनी कायाकल्प के लिए तरस रही। कुल मिला कर विकास की बाट जोह रहा है नगर जो कि आगामी भविष्य में कब होगा यह सवाल नगर वासियों की जुबान और दिलो दिमाग पर है। नगर पंचायत की कार्याप्रणाली का दंश नगरवासी झेल रहे हैं इन सब अव्यवस्थाओं से निजात पाने के लिए हर स्तर की लड़ाई लड़ने के बाद छपारा को नगर पंचायत का दर्जा तो मिल गया परंतु बेहतर कार्य प्रणाली नहीं होने के चलते अभी भी नगर विकास को तरस रहा है।
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