भिलाई डॉ. आंबेडकर विद्वान और एक समाज सुधारक थे, भारत में अस्पृश्यता और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया: किसान नेता अशवन्त तुषार साहू
महासमुंद: बाबा साहब के द्वारा दलितों के उत्थान के लिए किए गए कार्यो को याद कर उनके जन्मोत्सव को धूम धाम से मनाया गया
वहीं इस मौके पर किसान नेता अशवन्त तुषार साहू शामिल हुआ अपने उद्बोधन में कहा
डॉ. अंबेडकर एक प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, दार्शनिक, लेखक, अर्थशास्त्री, न्यायविद्, बहु-भाषाविद्, धर्म दर्शन के विद्वान और एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में अस्पृश्यता और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।
हर मुश्किल से पार पाकर उन्होंने जो मकाम हासिल किया और भारत की स्वतंत्रता और संविधान में जो योगदान रहा :
उनके पिता रामजी मालौजी सकपाल ब्रिटिश आर्मी में सूबेदार थे और संत कबीर को मानते थे. भीमराव अंबेडकर ने अपने स्नाकोत्तर की पढ़ाई उस समय के बंबई के एल्फिंस्टन कॉलेज से की और बरोड़ा के राजा सायाजिराओ गाइकवाड स्कॉरलशिप हासिल की. इसके बाद अंबेडकर ने कुछ समय बरोड़ा में भी काम किया. स्कॉलर के रूप में चुने जाने के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर आगे की शिक्षा के लिए यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका चले गए. कोलंबिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने एम ए और पीएचडी की.
कोल्हापुर के महाराजा की मदद से डॉ. भीमराव अंबेडकर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से आगे पढ़ाई की. अपने समय में सबसे ज्यादा पढ़ने वाले भारतीयों की गिनती में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का भी नाम आता है. भारत में डॉ. बी. आर. अंबेडकर (Dr. B. R. Ambedkar) के मृत्यु के दिन को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्हें मरणोपरांत 1990 में भारत रत्न से भी नवाजा गया था।
सी एन आई न्यूज़ भिलाई से लक्ष्मी नारायण की रिपोर्ट


















No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.