अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
कोरबा - उर्जाधानी शहर के हृदयस्थल डीडीएम रोड में नवनिर्मित श्रीराम दरबार मंदिर में 12 जून को प्रभु श्रीरामचंद्रजी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगी। इस अवसर पर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी और प्रख्यात कथावाचिका जया किशोरी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी। इस भव्य आयोजन के लिये राज्य भर से अतिथियों को आमंत्रण भेजा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां आठ जून से शुरू हो जायेगी। इस दिन मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा हेतु आचार्यों की उपस्थिति में शास्त्रगत मंत्रोच्चार और विशेष पूजा अर्चना के साथ श्रीराम का आह्वान किया जायेगा। वहीं 12 जून को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य आयोजन सुबह नौ बजे कलश यात्रा के साथ प्रारंभ होगा। श्री राम दरबार तक कलश यात्रा के साथ निशान पदयात्रा का भी आयोजन किया जायेगा। इस कलश यात्रा में सभी महिलाये एक ही रंग की साड़ी पहने हुये नजर आयेंगी। दोपहर बारह बजे से महाभंडारे की भी शुरुआत कर दी जायेगी। इसी दौरान दोपहर लगभग दो बजे से साढ़े तीन बजे तक प्रभु श्रीराम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा का आयोजन होगा। शाम पांच बजे से विश्व विख्यात कथा वाचिका जया किशोरी कथा वाचन करेंगी , जो रात आठ बजे तक डीडीएम रोड राम दरबार में जारी रहेगा।
गौरतलब है कि शहर में इस भव्य राम मंदिर का निर्माण प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पहल पर करवाया गया है। भविष्य में इसका संचालन ट्रस्ट के माध्यम से होगा। मंदिर में राजस्थान के कारीगरों की कलाकृति प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेगा। प्राण प्रतिष्ठा के लिये भगवान श्रीराम के जन्मस्थल अयोध्या से मिट्टी मंगाई गई है। इस मंदिर के अस्तित्व में आने से इसके परिसर में शहरवासियों को अयोध्या की अनुभूति होगी खास बात यह है राजस्थान से लाई गई जिस संगमरमर पत्थर से अयोध्या में रामलला की मंदिर बन रही है उसी जगह के पत्थर का उपयोग शहर के राम मंदिर में निर्माण में हो रहा है। इसके लिये राजस्थान , हरियाणा , महाराष्ट्र से कारीगर बुलवाये घये हैं। मजदूरों के साथ ही पत्थर पर नक्काशी करने वाले तीस से चालीस ऐसे कारीगर हैं , जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में भी अपना योगदान दिया है। कुल मिलाकर 120 कारीगर और मजदूर मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर राजस्थान से हैं , जो सभी धार्मिक स्थलों का ही निर्माण करते हैं।
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