धान खरीद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में बड़ा घोटाला उजागर
कलेक्टर के पास हुई शिकायत मे अब तक जाँच नहीं
बिलासपुर से सुरेंद्र मिश्रा
बिलासपुर/रतनपुर तहसील में धान खरीद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में हुए सैकडो फर्जी पंजीकरण
चपोरा के संचालित धान खरीदी केंद्र चपोरा प.क्रम.3087 फर्जी रकबा बढ़ाकर कर धान खरीदी की गई। तत्कालीन समिति मे कार्यरत कर्मचारियो व बिचौलियो द्वारा एक एकड़ रकबा को दस एकड़ किया गया जिससे शासन को लगभग 70 से 80 लाख आर्थिक नुकसान पहुँचाया गया।
खरीदे गए धान को राइस मिल तक भेजने के नाम पर ट्रांसपोर्टर ने भी किया लाखो का गवन, सूत्रों की माने तो तहसील रतनपुर मे किया गया बड़ा धान खरीद घोटाला क्षेत्र के चपोरा धान खरीदी केन्द्र पर हुआ था भारी गड़बड़ झाला किसानों का फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर की गई लाखों की गड़बड़ी।.11/07/2023 को शिकायत जिला कलेक्टर बिलासपुर मे हुआ शिकायतकर्ता कोटा जनपद उपाध्यक्ष सुमंत जायसवाल द्वारा शिकायत किए हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुके हैं लेकिन जांच अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ी है।कलेक्टर के आदेश के बावजूद जांच अधिकारी के इस पटल पर लगभग 60 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नतीजा अभी तक शून्य है।आखिरकार कब होगी धान खरीद के घोटालेबाजों पर कार्रवाई।शिकायत 11 जुलाई को जिला कलेक्टर बिलासपुर को की गई थी लेकिन 60 दिन से ज्यादा समय निकल जाने के बाबजूद अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई।
घोटाले मे लिप्त अधिकारीयों कर्मचारियों का बयान भी लिया जाना उचित नहीं समझा गया है जबकि शिकायतकर्ता द्वारा प्रूफ के साथ शिकायत की गई है। ऐसे मे बड़ा सवाल यह उठता है की जाँच अधिकारी कछुआ चाल क्यों चल रहे हैं कहीं पुरे मामले मे लीपापोती करने मे तो नहीं जुटे। देखने वाली बात यह भी है की यहाँ दलगत राजनीति भी हावी दिखाई पड़ रहा है जिसमें वर्तमान सरकार के नुमाइंदो की सह के कारण मामले मे अब तक कोई जाँच कार्यवाही आगे न बढ़ पाना दिखाई पड़ता है।
शिकायत कर्ता सुमंत जायसवाल का कहना है की मेरे शिकायत पर कार्यवाही नहीं की जाती तो किसानों के साथ कलेक्टर कार्यालव घेराव किया जाएगा। कार्यवाही नहीं होने पर यह बात भी साबित होगी की कांग्रेस सरकार ज्यादातर घोटालेबाजो को शरण देने का ही काम करती है।


















No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.