कोटा : त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस के सामने अपनी परंपरागत सीट को वापस छीनने की चुनौती
बिलासपुर / आजादी के बाद से लेकर आजतक कोटा कांग्रेस के लिए अभेदगढ़ रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस यहां तीसरे स्थान पर पहुंच गई थी और छजका प्रत्याशी डॉ रेणु जोगी चुनाव जीतकर विधायक बनी थी। पहली बार ऐसा हुआ की यहां गैर कांग्रेसी विधायक बना। इस बार कांग्रेस के सामने यहां सबसे बड़ी चुनौती इस परंपरागत सीट को छजका से वापस छीनना है।
जिले की सबसे चर्चित विधानसभा क्षेत्र में कोटा का नाम हमेशा पहले नंबर पर रहा है। पहले पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल के कारण यह सीट हाई प्रोफाइल हुआ करती थी। फिर जोगी परिवार के कारण यह क्षेत्र सुर्खियों रहा। इस चुनाव में यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण चर्चा में है और सबकी नजर इस सीट पर बनी हुई है। इस चुनाव में भाजपा ने यहां से स्व दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को चुनाव मैदान उतारा है जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की ओर से स्व अजीत जोगी की धर्मपत्नी डॉ रेणु जोगी चुनाव मैदान में है। कांग्रेस ने इस बार यहां से कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी बनाया है। अटल श्रीवास्तव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी है। इस लिहाज से देखा जाए तो उनकी भी इस सीट पर खास दिलचस्पी है। मुख्यमंत्री इस क्षेत्र में लगातार सभा और रोड शो करके अटल के समर्थन में माहौल भी बनाया है। प्रत्याशियों के नजर से देखा जाए तो कोटा में चुनावी मुकाबला बेहद टशन वाला है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने यहां भाजपा प्रत्याशी को जशपुरिहा होने का मुद्दा उठाया और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लोगों को बताते रहे की काम कराने के लिए पांच सौ किलो मीटर दूर जशपुर जाना पड़ेगा। इसके अलावा प्रचार के दौरान भूपेश बघेल के कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई गई। क्षेत्र के लोगों में धान खरीदी और कर्जा माफी को लेकर जबरदस्त उत्साह है। यही नहीं कांग्रेस ने वर्तमान विधायक डॉ रेणु जोगी की उम्र को मुद्दा बनाया और मतदाताओं को बताते और समझाते रहे की उनकी उम्र अब आराम करने की है। जबकि भाजपा प्रत्याशी प्रबल प्रताप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा सामने रखकर वोट मांगा, क्षेत्र में गुंडागर्दी बढ़ने की भी आशंका जताई। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्र में सट्टा, शराब घोटाला समेत कई अन्य मुद्दे भी उठाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की प्रत्याशी डॉ रेणु जोगी अपने विनम्र व्याहार और क्षेत्र के लोगों से पारिवारिक संबंध होने का वास्ता देकर लोगो से वोट मांगा।
फिलहाल क्षेत्र में 1 लाख 65 हजार मतदाता है। जिसमें से 82 हजार 166 पुरुष तो 82 हजार 658 महिला मतदाता है। क्षेत्र की जनता आजादी के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस के साथ रही है। केवल पिछले चुनाव में छजका प्रताशी के रूप में डॉ रेणु जोगी ने जीत दर्ज की थी। हालांकि उनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की ही रही है। चुनाव में कांग्रेस के सामने अपनी परंपरागत सीट को वापस छीनने की चुनौती है। जबकि भाजपा इस सीट से कभी चुनाव नहीं जीता, लिहाजा भाजपा के लिए खोने को कुछ नहीं है जबकि पाने के लिए सारा जहां है। अब देखना ये है कि भूपेश सरकार सरकार की ढेरों उपलब्धियां प्रत्याशी को जीता पाती है कि नहीं ?
00 2018 विधानसभा जरूरी तथ्य
पिछले बार जेसीसीजे से यहां रेणु जोगी ने 32.77 प्रतिशत वोट के साथ सर्वाधिक 48 हजार 800 वोट मिला था। 30.74 प्रतिशत और 45774 वोट के साथ दूसरे नम्बर पर बीजेपी के काशीराम साहू आये थे और तीसरे नम्बर पर कांग्रेस से 20.68 प्रतिशत और 30803 मतों के साथ विभोर सिंह आये थे।
00 जानिए कोटा से कौन कितनी बार जीता
1952 से लेकर अब कोटा विधानसभा सीट पर 14 बार चुनाव हुए हैं। यहां काशीराम तिवारी पहले विधायक बने थे,जबकि मथुरा प्रसाद दुबे 4 बार और राजेंद्र शुक्ल 5 बार चुने गए। इसके अलावा 2006 में डॉ. रेणु जोगी यहां से विधायक बनीं। क्षेत्र की पहली महिला विधायक पिछले 3 बार से विधायक हैं।
बता दें कि 1952 से 1962 तक यहां काशीराम तिवारी विधायक रहे । 1967 से 1980 तक मथुरा प्रसाद दुबे यहां विधायक रहे और इसके बाद 5 बार राजेंद्र प्रसाद शुक्ल यहां विधायक चुने गए । उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सम्भाली थी । काफी कोशिशों के बाद भी बीजेपी को अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है।
2003 के विधानसभा चुनाव
कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद शुक्ला को 39546 वोट मिले थे।
बीजेपी के भूपेंद्र सिंह को 37866 वोट मिले थे।
2006 में उपचुनाव
कांग्रेस की रेणु जोगी को 59465 वोट मिले।
बीजेपी के भूपेंद्र सिंह को 35995 वोट मिले।
2008 विधानसभा चुनाव
कांग्रेस की रेणु जोगी को 55317 वोट मिले।
बीजेपी के मूलचंद्र खंडेलवाल को 45506 वोट मिले।
2013 विधानसभा चुनाव
कांग्रेस की रेणु जोगी को 58390 वोट मिले।
बीजेपी के काशीराम साहू को 53301 वोट मिले।
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