दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के दंश ने कांग्रेस को अपने चपेट में ले लिया
रायपुर, छत्तीसगढ़/ छत्तीसगढ़ में राजनीति करवट बदल ली है, छत्तीसगढ़ की वही पुरानी इतिहास है जब जब छोटे तपके के कर्मचारी /श्रमिक से लेकर अधिकारी वर्ग नराज हुये है तब तब सत्ता परिवर्तन हुआ है! इस बार राजनीति में भूचाल लाने का काम दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, दैनिक श्रमिक, अनियमित कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, स्कुल सफाई कर्मचारी, आंगनबाड़ी येसे अनेक कर्मचारी संगठनों ने किया है!
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक श्री रामकुमार सिन्हा ने कहा की कांग्रेस की सरकार ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी/अनियमित कर्मचारी/संविदा कर्मचारी की एक न सुनी, नियमितीकरण करने का वादा करके दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के भविष्य के सांथ खिलवाड़ किया जिसका नतीजा धरातल पर देखने को मिला है! पूर्व में कर्मचारियों ने कांग्रेस पार्टी के जनघोषणा पत्र व टी. एस. सिंह देव को देखकर वोट दिये थे सरकार बनेगा टी. एस. सिंह देव मुख्य मंत्री बनेगा तो जरूर नियमितीकरण करेगा लेकिन जीतने के बाद कांग्रेस की तस्वीर ही बदल गया, नियत ही बदल गया, और टी. एस. सिंह देव मुकरने लगा की कांग्रेस पार्टी में मेरा कुछ चलता नही है, मेरा कोई हैसियत ही नही! लोगों ने मन बनाया की जब टी. एस. सिंह देव जी का कांग्रेस पार्टी में कोई अहियमत नही है तो फिर इसे जीताना कोई मतलब ही नही है और लोगों ने इरादा बदलकर सरगुजा का पुरा तस्वीर ही बदल दिया है!
कांग्रेस पार्टी ने पुरा पांच साल केवल किसान किसान कहते बिता दिया जन घोषणा पत्र के वादा ही भूल गया भूपेश बघेल एक भी सुनने का नाम नही लिया जिसके कारण सोंच के अनुरूप सत्ता परिवर्तन हो गया!
भाजपा के ही सरकार था जो वर्ष 1988 के पूर्व तथा 1997 के पूर्व कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिको का नियमितीकरण किया था, इसलिये छत्तीसगढ़ के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, दैनिक श्रमिक, अनियमित कर्मचारी, संविदा कर्मचारियों ने मन बनाया कि कांग्रेस की सरकार को अब पस्त करना है, हराना है ,परिवर्तन लाना है, और भाजपा की सरकार बनने पर नियमितीकरण का मुहर लग सकें इसी इरादा के सांथ सभी संगठन एकजुट होकर परिवर्तन हेतु संकल्पित हुये!
छत्तीसगढ़़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संगठन ने नियमितीकरण एवं स्थायीकरण के मांग को लेकर लगातार 34 अनिश्चितकालीन हड़ताल में रहे उस दौरान पांच दैनिक वेतन भोगियो ने आत्महत्या कर लिये थे उसके बाद भी वन मंत्री ने पांच साल पालिसी मेटर कह कहकर बिता दिया लेकिन कुछ नही किया इसलिये उन सब पिड़ितों के परिवार का हाय भी कांग्रेस पार्टी को लगा , कुछ कुछ अच्छे छवि के विधायकों ने भूपेश बघेल के पास नियमितीकरण के संबंध में अपनी बात रखी लेकिन वन मेंन आर्मी किसी का एन नही सुने और आज उसका खामियाजा देखने को मिला!
फेडरेशन के प्रदेश संयोजक श्री सिन्हा जी ने नियमितीकरण एवं स्थायीकरण के मांग को पुरा करने के लिये पूर्व मुख्य मंत्री डा. रमन सिंह जी, संगठन मंत्री पवन साय जी, दुर्ग सांसद विजय बघेल जी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव जी, महामंत्री ओपी चौधरी जी, केदार कश्यप जी, बृजमोहन अग्रवाल जी से चर्चा किया जिस पर उन्होने आश्वासन दिया था कि सरकार बनाईये हम 100% नियमितीकरण करेंगे! उसी विश्वांस के सांथ............
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक रामकुमार सिन्हा, छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रान्ताध्यक्ष कमलनारायण साहु, जल संसाधन विभाग के प्रान्ताध्यक्ष मनोज सोना, छ. ग. उधानिकी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रान्ताध्यक्ष चितरंजन दास, राज्य दैनिक वेतन भोगी के प्रान्ताध्यक्ष सुनिल सोनकर, स्कुल सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री डगेश्वर पटेल, व प्रदेश पदाधिकारी अरविंद वर्मा, जनक लाल साहु, तुलसीकृत डोंगरे, प्रीतम निषाद, शुभम जायसवाल, राजकुमार चौहान, अजय गुप्ता, गीरधर जैन, राजेन्द्र यादव, देवदास भारती, संतोष सोनी, विकास पटेल, अजय यादव, जयंत सिंह, समर विजय, माधव यादव, जुनैद, हारूनदास मानिकपुरी, सुरेश चेचाम, दुष्यंत तिवारी, जावेद खान, महेश राजपुत, श्यामलाल, किर्तन चौहान, विजय यादव, मुकेश कुसवाहा, कांशीराम ध्रूव, कांशीराम देवांगन, श्यामली कर्मकार, बिंदेश्वरी वैष्णव, पुष्पा सोनी, गीतांजली, रूखमनी, संध्या मिश्रा, दीपक सिंह, अभिषेख झारिया, शंकर शरण जायसवाल, श्यामलाल, मिथलेस साहु जंगल सफारी, शिवचरण बंजारे, ने पुरे छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिला में बैठक आहुत जो हमारा बनायेगा, हम उसको बनायेंगें का संकल्प लिया, और सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभाया!
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