' छत्तीसगढ़ की लोककथाएं ' विमोचित
खैरागढ़ छुईखदान गंड़ई। छत्तीसगढ़ का लोक साहित्य बड़ा समृद्ध है। यह लोकगीत,लोकगाथा व लोक कथाओं के रूप में वाचिक परम्परा के द्वारा जन मानस के कंठ में रचा - बसा है। किन्तु वर्तमान समय में ये सब विलुप्ति के कगार पर हैं। लोककथाएँ प्राचीन काल से जनरंजन के साथ ही शिक्षा का भी माध्यम रही हैं। विलुप्त होती ऐसी ही 32 छत्तीसगढ़ी लोक कथाओं को संकलित कर गंडई के सुपरिचित साहित्यकार व संस्कृति कर्मी डॉ. पीसी लाल यादव ने पुस्तक रूप में प्रकाशित किया है। जिसके प्रकाशक हैं शिक्षादूत प्रकाशन रायपुर।ऐसी महत्वपूर्ण कृति ' छत्तीसगढ़ की लोक कथाएं ' का विमोचन 8 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री व विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के कर कमलों द्वारा उनके निवास स्थान रायपुर में सम्पन्न हुआ।
डॉ.रमन सिंह ने डॉ.पीसी लाल यादव के साहित्य व संस्कृति कर्म की प्रशंसा करते हुए उन्हें लेखन में सतत संलग्न रहने के लिए प्रेरित किया और इस उपलब्धि हेतु शुभकामनाएँ दी। इस अवसर पर श्रीमती राधा यादव , रजनी यादव व जितेंद्र कुमार उपस्थित रहे। 'छत्तीसगढ़ की लोक कथाएं 'पुस्तक प्रकाशन के लिए प्रदेश के साहित्यकारों तथा लोक कलाकारों ने डॉ. पीसी लाल यादव को शुभकामनाएं प्रेषित कर बधाईयाँ दी हैं।


















No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.