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Wednesday, May 8, 2024

ग्रामीणों को अपने बच्चो के भविष्य के लिए तपती गर्मी में भी रोजाना एस डी एम कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहा है

 ग्रामीणों को अपने बच्चो के भविष्य के लिए तपती गर्मी में भी रोजाना एस डी एम कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहा है 




सी एन आई न्यूज से हर्ष रामटेके की रिपोर्ट 


उप तहसील कार्यालय दल्ली राजहरा ( एस डी एम कार्यालय)

में रोजाना इतनी तपती गर्मी में भी आस पास के ग्रामीण इलाकों के लोग स्कूल खुलने से पहले अपने बच्चो के जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटक रहे हैं सभी दस्तावेज सम्पूर्ण होने के बावजूद उन्हें कई चक्कर एस डी एम कार्यालय के लगाना पड़ रहा है दल्ली राजहरा से लगे आस पास के ग्रामीण इलाकों के लोग और तहसील डौंडी के दूर दराज के गरीब लोगो का उनकी मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है आखिर क्यों इन गरीबों को इतनी तपती धूप में भी रोजाना एस डी एम कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है ऑन लाइन के माध्यम से सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगो का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना है लेकिन अधिकारियों और बाबू के द्वारा रोजाना एक नया नियम लागू किया जा रहा है जिसका पूरा खामियाजा इन गरीबों लोगो को भुगतना पड़ रहा है तहसीलदार के द्वारा अस्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है लेकिन उसी दस्तावेज के आधार पर एस डी एम के बाबू के द्वारा स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी नही किया जाता है और अलग नियम बता कर गरीब लोगो को स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई महीनो कार्यालय के चक्कर काटना पड़ता है जबकि उनके पास कलेक्टर कार्यालय से सत्यापित मिसल रिकॉर्ड सन 1950 के पूर्व का दस्तावेज या फिर स्कूल का दाखिला खारिज सत्यापित किया गया मूलप्रति लगाया जाता है फिर भी उन्हें अपने बच्चो के पढ़ाई और उनके भविष्य के लिए इतना मशक्कत करना पड़ रहा है कई ग्रामीणों से CNI NEWS के बालोद चीफ से बातचीत हुई तो कई सारे बात सामने आई ग्रामीणों का कहना है कि एस डी एम के द्वारा हमारे बच्चो का स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है लेकिन अब जब हमे अपने बच्चो को केंद्र सरकार के द्वारा किसी परीक्षा में शामिल होने के लिए हमे केंद्रीय जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है तो एस डी एम के द्वारा ही हमे केंद्रीय जाति प्रमाण पत्र जारी नही किया जा रहा है हमे अपने बच्चो के भविष्य के लिए इतना मशक्कत करना पड़ रहा है आखिर क्यों हमे इतना चक्कर काटना पड़ रहा है कोई क्यों इन अधिकारियों और बाबू के ऊपर कार्यवाही नहीं कर रहा है

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