"भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा हैं महात्मा गांधी- डॉ. पीयूष कुमार पाण्डेय"
"बतौली महाविद्यालय में महात्मा गांधी जयंती पर हुआ व्याख्यानमाला"
"गांधी जयंती पर सभी विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों को दिलाया गया स्वच्छता शपथ"
बतौली जांजगीर:- उक्त कथन शासकीय महाविद्यालय बतौली में 03 अक्टूबर को गांधी जयंती पर आयोजित व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता डॉ. पीयूष कुमार पाण्डेय सहायक प्राध्यापक राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर ने कही।
व्याख्यानमाला में विशिष्ट वक्ता डॉ. अजय पाल सिंह के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक सुदामा राम गुप्ता, महाविद्यालय के प्राचार्य बी.आर. भगत, प्रो. तारा सिंह मरावी, प्रो. गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी, प्रो. बलराम चंद्राकर, प्रो. श्रीमती सुभागी भगत, प्रो. सुश्री मधुलिका तिग्गा, प्रो. जिवियन खेस्स एवं अतिथि शिक्षक सुश्री शिल्पी एक्का, श्रीमती कविता प्रजापति, कृष्ण कुमार टांडिया एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के चंद्रभान एवं अर्पण मंचासीन थे।
"महात्मा गांधी और भारतीय ज्ञान परंपरा" शीर्षक पर व्याख्यान देते हुए मुख्य वक्ता डॉ. पीयूष कुमार पाण्डेय ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न स्रोतों एवं ग्रंथों में वर्णित बातों को आत्मसात करते हुए जीवन में पालन किया। महात्मा गांधी ने सभी धर्मों की सार बातों का समावेश करते हुए सर्वधर्म समभाव पर जोर देते हुए एकता, भाईचारा और समता पर जोर दिया। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर में सेवारत इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अजय पाल सिंह ने विशिष्ट वक्ता के तौर पर "महात्मा गांधी के विचारों की वर्तमान युग में प्रासंगिकता" शीर्षक पर व्याख्यान देते हुए कहा कि महात्मा गांधी के विचार और सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर हिंसा को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए अहिंसा के सिद्धांत की महती आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक सुदामा राम गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के व्यक्तित्व पर उनके घर परिवार और संस्कारों का गहरा प्रभाव पड़ा। बचपन में देखे गए "सत्य हरिश्चन्द्र" नाटक ने सत्य के मार्ग और "श्रवण कुमार" ने मातृभक्ति और पितृभक्ति का बीज बोया। उन्होंने विभिन्न उद्धरणों के द्वारा मोहन दास से महात्मा गांधी बनने के सफर का उल्लेख किया। व्याख्यानमाला का संचालन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी प्रो. गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी ने किया।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के चंद्रभान ने महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी के आधार पर गांधी जी के वैचारिकी एवं सिद्धांतों पर विद्यार्थियों से संवाद किया। विद्यार्थियों ने गांधी जी के जीवन दर्शन, उनके सिद्धांत और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में किए गए विभिन्न आंदोलन एवं सत्याग्रहों पर चर्चा किया और अपनी बातें सदन में रखी। इससे पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. तारा सिंह मरावी के मार्गदर्शन में स्वयंसेवकों के साथ सभी विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी प्रो. गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी ने स्वच्छता शपथ दिलाया। इसके पश्चात "वैश्विक स्वच्छता अभियान एवं भारतीय स्वच्छता अभियान: एक तुलनात्मक अध्ययन" शीर्षक पर निबंध प्रतियोगिता तथा "गांधी जी और भारत में स्वच्छता अभियान" शीर्षक पर पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसके साथ ही प्रांगण में महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर आधारित पोस्टर प्रदर्शन में गांधी जी के जीवन से संबंधित सौ से अधिक प्रसंगों से संबंधित पोस्टरों का प्रदर्शनी लगाया गया था।
व्याख्यानमाला का शुभारंभ महात्मा गांधी और छत्तीसगढ़ महतारी के पूजन अर्चन के साथ हुआ। बी. ए. द्वितीय वर्ष की छात्राओं खूशबू प्रजापति, सनप्रिया एक्का और स्नेहा पैकरा ने छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत प्रस्तुत किया। महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, राजनीति विभाग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के सहयोग से इस व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया था जिसमें अजीम प्रेमजी फाउंडेशन सरगुजा का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। व्याख्यानमाला में कला, विज्ञान और वाणिज्य विभाग के सभी कक्षाओं ने सहभागिता किया।
विक्रम कुमार सूर्यवंशी की रिर्पोट
जांजगीर
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