सिंधी समुदाय का मुख्य त्योहार चेटीचंड महोत्सव आज ।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी ।
रायपुर -विविधता में एकता का प्रतीक भारत एक अद्भुत देश है, जहां अनगिनत संस्कृतियां एकाकार होती हैं, यहां अनेकों धर्मों और मतों को मानने वाले लोग रहते हैं जो असंख्य त्योहारों को उत्साह के साथ मनाते हैं। सिंधी समुदाय का त्योहार चेटीचंड भी एक ऐसा ही त्योहार है। यह वरुण देव (जल देवता) साई झूलेलाल का जन्मदिन समारोह है। सिंधिओं में इसे एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है और यह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। सिंधियों के लिए, चेटीचंड नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। मराठी नव वर्ष में आने वाले गुड़ी पड़वा के समान ही, चेटीचंड सिंधी समुदाय के नववर्ष की शुरूआत माना गया है।
इस दिन जल के देवता वरुणदेव की पूजा की जाती है। बहुत से लोग पूर्णिमा के दिन किसी झील या नदी के किनारे दूध और आटे में चावल मिलाकर ‘अखो’ चढ़ाने जाते हैं। यदि कोई नदी या ऐसा जलाशय पास में नहीं है, तो वे किसी कुएं पर इस रिवाज को निभाते हैं।
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