बालाघाट मध्य प्रदेश से
पत्रकार जूनियर हिंदुस्तानी की खबर
कलम से समझौता नहीं
अपनी बात निडरता से
:::::: सी,एन, आई, न्यूज़ ::::::::::::
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:::::::: 🙈 परेशान जनता 🙈 ::::::::
भरवेली न्यूज़ ,, बारिश का मौसम शुरू हो चुका है बारिश आते ही लोगों की परेशानियां बढ़ जाती है पंचायत में बारिश शुरू होने से पहले पानी निकासी के लिए नालियों नालो के साफ सफाई का कार्य किया जाता है परंतु भरवेली एक ऐसी पंचायत है जहां पर पैसों की कमी नहीं है फिर भी भरवेली में अभी तक नाली एवं नालों की साफ सफाई नहीं की गई आखिर ऐसा क्यों जबकि पड़ोसी गांव हीरापुर पंचायत में एक महा पूर्व से ही अपने गांव के नालों की नालियों की साफ सफाई करवा ली गई है परंतु भरवेली में अभी तक बारिश के पानी के लिए उसकी निकासी के लिए गांव की साफ सफाई के लिए किसी भी प्रकार से मीटिंग नहीं रखी गई आखिर ऐसा क्यों क्या बारिश के पानी की निकासी के लिए पंचायत में पैसा नहीं है या फिर जानबूझकर के सरपंच सचिव के द्वारा जनता को परेशान करने का तरीका अपनाया जा रहा है सवाल बना हुआ है ,,,,,,,,,
,,,,,, वार्ड नंबर 6,7 एवं 8 का नाला ,,,
भरवेली पंचायत में एक नाला पड़ता है जो वार्ड नंबर 6,7,8 के बीच से गुजरता है इस नाले की वजह से हमेशा जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है यहां एक ऐसा नाल है जिसकी साफ सफाई करना बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि बारिश में नाले का पानी वार्ड के लोगों के घर के अंदर में घुसकर मकान को क्षतिग्रस्त कर देता है इस नाले की वजह से कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं परंतु उन मकान मालिकों को किसी भी प्रकार से सहायता राशि प्रदान नहीं की जाती क्योंकि वार्ड नंबर 6 ,7 एवं 8 आबादी एवं खास भीड़ में आता है इस वजह से शासन के द्वारा यहां की जनता को किसी भी प्रकार से मुआवजा नहीं दिया जाता इन वार्डो में ज्यादातर गरीब मजदूर किस्म के नागरिक निवास करते हैं और जहां पर ज्यादातर मकान कच्चे हैं फिर भी पंचायत को सरपंच सचिव को इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि बारिश में मकान गिरे या बचे रहे बस खानापूर्ति के लिए गिरे हुए मकान का सर्वे किया जाता है आखिर ऐसा क्यों गरीबों के साथ न्याय क्यों नहीं होता हरदम से यहां सवाल बना हुआ है ,,,,,,
::: सफाई के नाम पर लाखों खर्च। ::::
2023 में मनरेगा के तहत नाले की साफ सफाई में पंचायत के द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा था मानो आने वाले समय में सरपंच के द्वारा नाले का निर्माण जरूर करवाया जाएगा चुनावी वादे में सरपंच ने हमेशा नाला बनाने का वादा जनता से किया परंतु जनता अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगी नाले की साफ सफाई जिस तरह से की गई ऐसा लग नहीं रहा था कि इस नाले की साफ सफाई में 1,93000 रुपए खर्च हुए होंगे जिस तरह से नाले की सफाई की गई नाले के अंदर की झाड़ियां को काटा गया नाले को थोड़ा-थोड़ा खोद करके उसकी मिट्टी नाले के आजू-बाजू ही डाल दी गई बस काम खत्म हुआ,,
,,,, ऐसा था लाखों का इंस्ट्रूमेंट ,,,,,,,
कनीजा बेगम के घर से पुलिस थाना तक पानी निकासी के लिए डेन निर्माण कार्य ,,
T, S, N, 22057-24/2/2023
A, S, N, 22057।1-24/2/2023
मद - मनरेगा
कार्य की लागत - 197000
प्रति दिवस मजदूरी -221
निर्माण एजेंसी- ग्राम पंचायत भरवेली
यहां किस तरह का इंस्ट्रूमेंट पंचायत के द्वारा बनाया गया समझ के बाहर है यहां तो पंचायत की लीला पंचायत ही जाने इसी तरह हीरापुर और भरवेली के शामिल नाले का भी इंस्ट्रूमेंट भरवेली के द्वारा बनाया गया उसका भी कार्य भरवेली पंचायत ने की जिसकी लागत 123000 की है,,
कार्य का नाम ,नीलू के दुकान से मोहम्मद भाई के घर तक पानी निकासी हेतु डेन निर्माण कार्य
T, S, N,22056-24/3/2023
A, S, N,22056/2 -24/3/2024
मद- मनरेगा
लागत - 123000
प्रति दिवस मजदूरी ,221
एजेंसी ,ग्राम पंचायत भरवेली ,,
अब सवाल बनता है कि 2023 में पंचायत के द्वारा लाखों रुपए खर्च करके साफ सफाई करवाई गई थी तो फिर अभी पंचायत के द्वारा साफ सफाई क्यों नहीं करवाई जा रही सवाल बना हुआ है ,,,,,,
,,,,भरवेली में क्यों नहीं मिलते मजदूर ,
सभी गांव की पंचायत में मनरेगा के तहत मजदूर बड़ी आसानी से मिल जाते हैं यहां तक के गांव के लोग पंचायत को परेशान करते हैं कि उन्हें मनरेगा के तहत कार्य दिया जाए परंतु बड़े अफसोस की बात है कि भरवेली में कोई भी मजदूर काम करना नहीं चाहता ऐसा नहीं है कि भरवेली में मजदूरों की कमी है या भरवेली निवासी काम करना नहीं चाहता यहां बात नहीं है बात तो यहां है कि पंचायत में जो मजदूर काम करते हैं उन्हें समय पर राशि नहीं मिल पाती है बहुत से मजदूरों को तो काम करने के बाद भी राशि नहीं दी जाती इसलिए भरवेली पंचायत में कोई भी नागरिक काम करने को नहीं देखता 2023 में वार्ड पंच के द्वारा जिन मजदूरों को लाया गया आज तक उनको राशि का भुगतान नहीं हुआ आखिर ऐसा क्यों मनरेगा के खाते में पैसा नहीं रहता है तो किसी और खाते से मजदूरों का भुगतान करना चाहिए जिस तरह से अन्य खर्चों के लिए पंचायत समय-समय पर दूसरे फंड का इस्तेमाल करती है परंतु होता ऐसा नहीं अगर मनरेगा के तहत भरवेली पंचायत में मजदूरों की सूची निकाले वर्तमान में जिनके खातों पर राशि डाल रही है ऐसे बहुत सारे नाम सामने आएंगे जिन्होंने कभी पंचायत में काम ही नहीं किया शासन प्रशासन चाहता है कि जनता को उसका मौलिक हक मिले परंतु नियम इस तरह से बना देता है कि जनता को उसका लाभ नहीं मिल पाता जिसका फायदा जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग उठाते हैं यहां तो बहुत सारी चीज है जिस तरह से निष्पक्ष कार्रवाई जांच हर पंचायत में होना शुरू हो जाए तो बहुत सारा फर्जीवाडा सामने आ सकता है परंतु पंचायत में पंचों के अनुसार सचिव् के अनुसार किसी भी प्रकार से कोई बैठक बारिश के पानी की निकासी के लिए नाली नालों की सफाई के लिए नहीं की गई है ऐसे में कैसे भरवेली में बारिश का पानी अपनी सही दिशा में जाएगा या फिर लोगों के घरों में गंदा पानी घुसकर के बीमारी फैल आएगा लोगों के मकानों को नुकसान पहुंचाएगा क्या ग्राम पंचायत इस समस्या को हल कर पाएगी या नहीं यहां तो आने वाला समय ही बताएगा,,,
खबर के साथ जूनियर हिंदुस्तानी
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