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Tuesday, December 23, 2025

कांकेर की घटना पर बंद सही, लेकिन कारण ग़लत - अमित

 कांकेर की घटना पर बंद सही, लेकिन कारण ग़लत - अमित*



मैं बंद का समर्थन करता हूँ, लेकिन इसलिए नहीं कि दफनाया जाना गलत था, बल्कि इसलिए कि दफनाने का अधिकार छीना गया। यही असली मुद्दा है।


अमामुड़ा (बड़े तिवड़ा) की घटना एक राष्ट्र की अंतरात्मा पर चोट 


 रायपुर / कांकेर/  23/12/2025 । जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने कांकेर जिले के अमामुड़ा (बड़े तिवड़ा) गांव में घटित घटना को अत्यंत शर्मनाक, अमानवीय और असंवैधानिक करार दिया है। पार्टी का स्पष्ट मत है कि इस घटना के विरोध में राज्यव्यापी बंद नैतिक रूप से सही है, लेकिन जिस कारण से बंद का आह्वान किया गया है, वह पूरी तरह ग़लत और भ्रामक है।


पार्टी अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि अमामुड़ा (बड़े तिवड़ा) में जो हुआ वह केवल एक गांव की घटना नहीं है। यह छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश की सामूहिक चेतना को झकझोर देने वाला कृत्य है। समाज में एक पुरानी कहावत है—


“गड़े मुर्दे नहीं उखाड़े जाते।”

लेकिन इस गांव में एक मृत व्यक्ति की कब्र को खोदकर उसकी देह को बाहर निकाला गया जो किसी भी सभ्य समाज में अकल्पनीय है।


अमित जोगी ने स्पष्ट किया कि भारत के हर नागरिक को अपने धर्म और विश्वास के अनुसार सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार या दफन का संवैधानिक अधिकार है। यह अधिकार


        अनुच्छेद 21 (जीवन एवं मानवीय गरिमा का अधिकार),


       अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता),


        तथा अनुच्छेद 300A (कानून द्वारा संरक्षित संपत्ति का अधिकार)


से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।


उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान में किसी भी सरकार या सत्ता को यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वह किसी मृत व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुँचाए या उसके परिवार से अंतिम संस्कार/दफन का अधिकार छीन ले।


पार्टी ने इस तथ्य पर गहरी पीड़ा व्यक्त की कि इन मूल अधिकारों का उल्लंघन उसी राज्य-तंत्र के माध्यम से हुआ, जिसने संविधान की रक्षा की शपथ ली है।


अमित जोगी ने कहा,

“मैं बंद का समर्थन करता हूँ, लेकिन इसलिए नहीं कि दफनाया जाना गलत था, बल्कि इसलिए कि दफनाने का अधिकार छीना गया। यही असली मुद्दा है।”


इसी आधार पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने समांतर राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है— इस मूल सत्य के समर्थन में कि भारत का हर नागरिक अपने विश्वास के अनुसार सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई पाने का अधिकार रखता है और राज्य सहित कोई भी सत्ता इस अधिकार को छीन नहीं सकती।


पार्टी ने समाज के सभी वर्गों, धर्मों और विचारधाराओं से अपील की है कि वे राजनीति से ऊपर उठकर इस अमानवीय कृत्य के विरोध में एकजुट हों और एक दिन का प्रार्थना एवं उपवास रखकर


       दिवंगत आत्मा की शांति के लिए,

       तथा इस अक्षम्य पाप के प्रायश्चित के लिए

अपना नैतिक दायित्व निभाएँ।


अंत में अमित जोगी कहा गया कि यह केवल एक व्यक्ति का अपमान नहीं है, बल्कि मानवता, संविधान और भारत की आत्मा का अपमान है।


CNI news  दिलीप सोनवानी कि रिपोर्ट

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