मासिक दुर्गाष्टमी आज,साल की अंतिम दुर्गा अष्टमी, माता रानी का आशीर्वाद मिलेगा ।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन मां दुर्गा को खुश करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। साल 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है, ऐसे में साल की अंतिम मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह साल के समापन पर मां दुर्गा की कृपा पाने का एकमात्र अवसर है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष महीने की शुक्ल अष्टमी तिथि 27 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 09 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 28 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 59 मिनट पर होगा।उदया तिथि को देखते हुए इस साल की अंतिम मासिक दुर्गाष्टमी 28 दिसंबर को मनाई जाएगी।
साल की अंतिम दुर्गाष्टमी का महत्व
साल की अंतिम दुर्गाष्टमी का बहुत ज्यादा महत्व है। दिसंबर की यह दुर्गाष्टमी हमें बीते हुए साल की गलतियों के लिए क्षमा मांगने का अवसर देती और आने वाले नए साल की शुरुआत के लिए शुभता देती है। इस दिन कन्या पूजन करना या छोटी कन्याओं को कुछ उपहार देना विशेष फलदायी माना जाता है। इससे देवी कृपा मिलती है।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें। हाथ में जल लेकर मासिक दुर्गाष्टमी पर व्रत और मां की पूजा का संकल्प लें।
एक वेदी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। मां को गंगाजल से स्नान करवाएं। माता रानी को लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, लाल फूल और शृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
गाय के घी का दीपक जलाएं।
दुर्गा चालीसा का पाठ करें और "ॐ दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
मां को फल, मिठाई और हलवा-पूरी का भोग लगाएं।
अंत में मां दुर्गा की आरती करें और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करैं।


















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