राजनांदगांव की मां पाताल भैरवी मंदिर समिति पहुंची बैगा आदिवासियों के पास
खैरागढ़। मां पाताल भैरवी मंदिर समिति निरंतर सेवा कार्य में तत्पर रहते हुए, जिला मुख्यालय से लगभग सौ किलोमीटर दूर सुदूर वनांचल क्षेत्र मध्यप्रदेश की सीमा से महज 1 किलोमीटर सटे छत्तीसगढ़ की सीमा के अंतिम गांव बकरकट्टा
थाना क्षेत्र के झिलमिली बैगा आदिवासियों के पास पहुंची, वहां बच्चों को गर्म कपड़े,ऊनी टोपी, महिलाओं और बुजुर्गों को कम्बल वितरण किया।
ठिठुरन भरी ठंड में जहां शहरी क्षेत्र के लोग बिना गर्म कपड़ों के नहीं रह पा रहे है, ऐसे में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी ठंड आते ही मां पाताल भैरवी मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश मारू और पत्रकार कमलेश
सिमनकर उन सुदूर वनांचल क्षेत्रों में पहुंचते है, जहां वास्तविक में बहुत ज्यादा जरूरत मंद लोग रहते है।
समिति के लोग लगातार ऐसे ही गांवों का चयन कर ठंड से बचने की सामग्री जुटाते है, जिसमें बच्चों को गर्म कपड़े, ऊनी टोपी, महिलाओं और बुजुर्गों को कम्बल बांटे जाते है।
सामग्री जुटाने में समिति के सदस्यों के साथ उपाध्यक्ष दीपक जोशी, नीलम बैद, अग्रवालजी अग्रणी भूमिका निभाते है।
कल केसीजी जिले और छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंतिम गांव जो मध्यप्रदेश की सीमा से महज 1 किलोमीटर दूर है, बैगा आदिवासियों का क्षेत्र बकरकट्टा थाना क्षेत्र के ग्राम झिलमिली, गाताभर्री, समुंदपानी,चोभर,हाथीझोला पहुंचकर बच्चों और महिलाओं व बुजुर्गों को ठंड से बचने राहत सामग्री वितरण किया।
इस अवसर पर सहयोगियों के रूप में विवेक रंजन सोनी, यशवंत (हिम्मत)पवार,
रोशन ठाकुर उपस्थित थे।


















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