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Thursday, June 4, 2020

मानपुर : मनरेगा में लाखों की धांधली ग्राम पंचायत तोलूम में फ़र्ज़ी बिल से निकाले पैसे, बकरी व मुर्गी शेड और शौचालय निर्माण काम किये बिना हो गया पैसे का बंदरबांट


मानपुर-  राजनांदगांव जिले के मानपुर ब्लाक में  आदिवासियों को  लूटने और ठगने की प्रक्रिया ग्राम पंचायत के सरपंच सचिवों के द्वारा बखूबी निभा रहे है मानपुर ब्लाक के तोलूम पंचायत लाखो रुपये की धांधली का मामला सामने आया है ।वनांचल में बैठे अधिकारियों की जी -हुजूरी से  यहाँ जुगाड़  कर सचिवो को ऐसे ट्रैन किया है कि मिनटों में नरेगा अन्तरर्गत निर्माण कार्यों का फाइलों में बना कर लाखों रुपये जुगाड़ के सफ्लायर से बिल बाउचर लगा कर पैसा आहरण कर लेते है। जिसकी जानकारी गांव में हितग्राही और अन्य किसी को कानोंकान खबर तक नही पहुँचती है लंबे समय से अब तक लुटने में लगा है । समय-समय पर अधिकारियों का ट्रांसफर भी हुआ है लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी लंबे समय से मानपुर में अपने पैर पसारे हुए हैं देखा गया है कि डिप्टी कलेक्टर छत्तीसगढ़ के विभिन्न  जिले में रहकर जनपद पंचायत सीईओ का कार्य कर रहे है। जो भी नया अधिकारी की पोस्टिंग होने वाला होता है उसको नक्सलियों का डर दिखा कर मानपुर में आने नही दिया जाता और सीईओ का इतिहास उठा कर देखें तो पता चलता है की काफी लंबे समय से मानपुर जनपद पंचायत का कार्यभार देख रहे हैं।
फाइलों में मानपुर का विकास बहुत अच्छी तरीका से होता है यहां के अनुसूचित जनजाति ग्राम का विकास हो ऐसे कहीं नहीं दिखाई देता है।सीईओ के विकास हो रहा है सचिव के घर का भी विकास हो रहा है आय से अधिक सम्पती का भी अनुमान है? और सचिव तो एक साथ दो तीन ग्राम पंचायत भी संभालते है। ऐसा उदाहरण तोलूम पंचायत  सचिव  दिखाई देता है।  जिसको सीईओ ने खुद  हितग्राहियों से उनका हक लुटने के लिए अच्छे से ट्रेन किया है जो गांव में भोले भाले ग्रामीण के नाम पर आए हुए काम स्वीकृति होने पर गोल-गोल घूम कर टाइम निकलते रहता है।और फिर कुछ समय बाद हितग्राही के द्वारा पूछे जाने पर  पैसा वापस हो गया जैसे जवाब सुनने को मिलते हैं लेकिन वास्तविकता कुछ और ही होती है। पैसा वापस होता नही वो फर्जी फाइल बना कर निकाल लिया जाता है ? क्योंकि आज ग्राम पंचायत तोलुम के अश्रीत ग्राम नवागांव में 19 लाख का शौचालय फाइलों में  पूर्ण है।  लेकिन ग्राम पंचायत में जाकर पता करें तो पता चलता है कि  सरपंच सचिव ने खुद बनवाया है, और हितग्राहियों को आज तक पैसा नहीं मिल पाया है। जिसकी आस छोड़ चुके है, हितग्राही जगत राम ने बताया कि उन्हें शौचालय निर्माण की राशि अब तक अप्राप्त है ।

*असहाय हितग्राही*

नरेगा अन्तर्गत निर्माण कार्य ग्राम पंचायत तोलुम आश्रित ग्राम नवागांव में मुर्गी शेड निर्माण (आदुरसाय/सोमजी) राशि-0.513 लाख (3304009052/आईएफ 1111401351) मस्टरोल 21152,20947 मटेरिल सीएच 3304009_071119 एफटीओ _511749 राशि-43210 रुपये और बकरी शेड (समारू/दसरू) राशि-0.546 लाख (3304009052/आईएफ 1111394794) का मस्टरोल 12443(17/05/2019 - 22/05/2019) राशि 7392, मटेरिल एफटीओ आईफ 3304009_071119 एफटीओ 511783 राशि-0.44742 लाख रुपये पैसा आहरण कर लिया गया है। जहां फर्जी फोटो व फर्जी बिल फर्जी लेबर अपने सगें-संबधीयो के नाम से मजदूरी का पैसा भी आहरण करने कि भी बात सामने आ रही है। जिसकी शिकायत में कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा जांच में बकरी और मुर्गी शेड निर्माण का प्रारंभ नहीं होना सही पाया गया है। नरेगा मेट  ही ठेकेदार  सचिव और रोजगार सचिव दोनों का कार्य देख रहा था। जिस समय पर इस कार्यक्रम का मस्टरोल जारी किया गया उस समय कोई काम हुआ ही नही था दोनों के द्वारा लाखों रुपये का गबन करने  कि जानकारी मिल रही है? यह कार्य नरेगा के अंतर्गत किया जाना था लेकिन अभी तक बंदरबांट किया जा रहा है जिससे हितग्राही का कहना है कि नरेगा नियमावली अंतर्गत जांच कर दोषीयो पर पूर्ण कार्यवाही की जानी चाहिए। जिससे भोले भाले आदिवासी का पैसा गबन करने कि आतदन प्रवति समाप्त हो जाये और विभिन्न कामों में मजदूरी भुगतान का पैसा अपने परिवार के खाता में डलवाया आर्थात जो सही  मजदूर  है उसका पैसा ही गायब कर दिया..... वहीं कुछ  प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय का काम  भी अपूर्ण है लेकिन जो हितग्राही अपने रुपये से बनाया है उसको मजदूरी और मटेरिल दोनों कि राशि अभी भी शेष बताई जा रही है। कमलेश कुमार मरकाम, गोविंद राम मंडावी एवं सैकड़ों ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से लिखित शिकायत करते हुए इस पर कार्यवाही की मांग की है कि इस कार्य मे गैर जिम्मेदाराना अर्थात लापरवाही पूर्ण काम किया गया है । उनकी जांच की जाए?


मटेरिल डंप का पैसा बोल कर 2 दिन में काम करके पंचनामा तैयार भी कर लिया गया । लेकिन न मटेरिल डंप का भुगतान नोट शीट है नही मटेरिल का फोटो लगा हुआ है ऐसे बडी भारी गलती करते हुए गलत तरीके से पैसा निकाल लिया गया है जिसकी जांच कर उचित कार्यवाही किया जाए ताकि भविष्य में ग्राम के विकास में आने वाले शासकीय पैसा का बंदरबाट न हो सके ।

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