मानपुर (जावेद) : एक तरफ सरकार और आम आदमी कोरोना माहमारी के लड़ाई में,आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे है,वही मानपुर जनपद पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी कमीशन के चक्कर में पंचायत प्रतिनिधियों का जीना दुश्वार कर दिए हैं वहीं दूसरी तरफ 14वें वित्त आयोग के रुपए मे सीधा सेंधमारी करते हुए कोरोना संक्रमण के नाम से अब धंधा शुरू कर दिए हैं जनपद पंचायत में बिना पंचायत प्रस्ताव और सरपंच पंचो के अनुमति बगैर सैनिटाइजर, मास्क, व अन्य लिक्विड हजारों रुपए के दर पर पंचायतों में पटका जा रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि मानपुर जनपद पंचायत इन दिनों धंधा का केंद्र बन गया है ,अधिकारियों की कमाऊ नीति ने पंचायत प्रतिनिधियों का मजाक बना दिया है अचानक सचिवों का बैठक लेकर जनपद पंचायत में ठेकेदार को बुलाकर सेनेटाइजर खरीदने कहा गया।हालही में अम्बागढ़ चौकी जनपद पंचायत में कोरोनावायरस के इस प्रकोप के बीच पांच पंचायतों का सेक्टर बनाकर ₹30000 मूल्य का मच्छर भगाने का फाग मशीन सवा लाख रुपए बेचने का मामला आया था। जिस पर कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देश में राजनांदगांव जिले में खरीदी पर बैन लगा दिया था।उनके बाद भी मानपुर जनपद के अधिकारी इस कार्य मे लगे है। और पंचायतों में प्रतिनिधियों के बिना डिमांड के सैनिटाइजर, मास्क व अन्य लिक्विडो को ठेकेदार के माध्यम से जनपद पंचायत में ही बेच दिया गया है।
*14 वे वित्त के रुपए में धंधा*
सरकार द्वारा पंचायतों को आवंटित 14 वे वित्त के खर्च के लिए ग्राम पंचायतों को अधिकार नहीं दिया गया है सीधे तौर पर पंचायतों के खाते में पड़े इन रुपयों में जनपद पंचायत मानपुर कि गिद्ध की नजर है।
*सीधे कर रहे हैं पंचायती राज का हनन-*
प्रशासनिक व्यवस्था के बीच अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में पंचायती राज हांसिये पर है, सचिवो पर दबाव डालकर पंचायतों में अनाप-शनाप सामग्री सीधे ठेकेदारों के माध्यम से बेचे जा रहे हैं। पंचायतों में ग्राम ग्रामपंचायतों के सचिवों पर दबाव बनाकर जनपद पंचायत मानपुर कोरोनावायरस से लड़ने सैनिटाइजर व अन्य छिड़काव सामग्री का खरीदी ग्राम पंचायतो द्वारा जनपद से खरीद तो लिया पर कितनी की है उनकी जानकारी में नही है ना ही सचिवो को सेनेटाइजर का बिल दिया गया।*ठेकेदारों के माध्यम से जनपद पंचायत मानपुर में चल रहा है सेनेटाइजर का खेल।*
*मानपुर-* एक तरफ सरकार और आम आदमी कोरोना माहमारी के लड़ाई में,आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे है,वही मानपुर जनपद पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी कमीशन के चक्कर में पंचायत प्रतिनिधियों का जीना दुश्वार कर दिए हैं वहीं दूसरी तरफ 14वें वित्त आयोग के रुपए मे सीधा सेंधमारी करते हुए कोरोना संक्रमण के नाम से अब धंधा शुरू कर दिए हैं जनपद पंचायत में बिना पंचायत प्रस्ताव और सरपंच पंचो के अनुमति बगैर सैनिटाइजर, मास्क, व अन्य लिक्विड हजारों रुपए के दर पर पंचायतों में पटका जा रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि मानपुर जनपद पंचायत इन दिनों धंधा का केंद्र बन गया है ,अधिकारियों की कमाऊ नीति ने पंचायत प्रतिनिधियों का मजाक बना दिया है अचानक सचिवों का बैठक लेकर जनपद पंचायत में ठेकेदार को बुलाकर सेनेटाइजर खरीदने कहा गया।हालही में अम्बागढ़ चौकी जनपद पंचायत में कोरोनावायरस के इस प्रकोप के बीच पांच पंचायतों का सेक्टर बनाकर ₹30000 मूल्य का मच्छर भगाने का फाग मशीन सवा लाख रुपए बेचने का मामला आया था। जिस पर कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देश में राजनांदगांव जिले में खरीदी पर बैन लगा दिया था।उनके बाद भी मानपुर जनपद के अधिकारी इस कार्य मे लगे है। और पंचायतों में प्रतिनिधियों के बिना डिमांड के सैनिटाइजर, मास्क व अन्य लिक्विडो को ठेकेदार के माध्यम से जनपद पंचायत में ही बेच दिया गया है।
*14 वे वित्त के रुपए में धंधा*
सरकार द्वारा पंचायतों को आवंटित 14 वे वित्त के खर्च के लिए ग्राम पंचायतों को अधिकार नहीं दिया गया है सीधे तौर पर पंचायतों के खाते में पड़े इन रुपयों में जनपद पंचायत मानपुर कि गिद्ध की नजर है।
*सीधे कर रहे हैं पंचायती राज का हनन-*
प्रशासनिक व्यवस्था के बीच अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में पंचायती राज हांसिये पर है, सचिवो पर दबाव डालकर पंचायतों में अनाप-शनाप सामग्री सीधे ठेकेदारों के माध्यम से बेचे जा रहे हैं। पंचायतों में ग्राम ग्रामपंचायतों के सचिवों पर दबाव बनाकर जनपद पंचायत मानपुर कोरोनावायरस से लड़ने सैनिटाइजर व अन्य छिड़काव सामग्री का खरीदी ग्राम पंचायतो द्वारा जनपद से खरीद तो लिया पर कितनी की है उनकी जानकारी में नही है ना ही सचिवो को सेनेटाइजर का बिल दिया गया।*ठेकेदारों के माध्यम से जनपद पंचायत मानपुर में चल रहा है सेनेटाइजर का खेल।*
*मानपुर-* एक तरफ सरकार और आम आदमी कोरोना माहमारी के लड़ाई में,आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे है,वही मानपुर जनपद पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी कमीशन के चक्कर में पंचायत प्रतिनिधियों का जीना दुश्वार कर दिए हैं वहीं दूसरी तरफ 14वें वित्त आयोग के रुपए मे सीधा सेंधमारी करते हुए कोरोना संक्रमण के नाम से अब धंधा शुरू कर दिए हैं जनपद पंचायत में बिना पंचायत प्रस्ताव और सरपंच पंचो के अनुमति बगैर सैनिटाइजर, मास्क, व अन्य लिक्विड हजारों रुपए के दर पर पंचायतों में पटका जा रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि मानपुर जनपद पंचायत इन दिनों धंधा का केंद्र बन गया है ,अधिकारियों की कमाऊ नीति ने पंचायत प्रतिनिधियों का मजाक बना दिया है अचानक सचिवों का बैठक लेकर जनपद पंचायत में ठेकेदार को बुलाकर सेनेटाइजर खरीदने कहा गया।हालही में अम्बागढ़ चौकी जनपद पंचायत में कोरोनावायरस के इस प्रकोप के बीच पांच पंचायतों का सेक्टर बनाकर ₹30000 मूल्य का मच्छर भगाने का फाग मशीन सवा लाख रुपए बेचने का मामला आया था। जिस पर कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देश में राजनांदगांव जिले में खरीदी पर बैन लगा दिया था।उनके बाद भी मानपुर जनपद के अधिकारी इस कार्य मे लगे है। और पंचायतों में प्रतिनिधियों के बिना डिमांड के सैनिटाइजर, मास्क व अन्य लिक्विडो को ठेकेदार के माध्यम से जनपद पंचायत में ही बेच दिया गया है।
*14 वे वित्त के रुपए में धंधा*
सरकार द्वारा पंचायतों को आवंटित 14 वे वित्त के खर्च के लिए ग्राम पंचायतों को अधिकार नहीं दिया गया है सीधे तौर पर पंचायतों के खाते में पड़े इन रुपयों में जनपद पंचायत मानपुर कि गिद्ध की नजर है।
*सीधे कर रहे हैं पंचायती राज का हनन-*
प्रशासनिक व्यवस्था के बीच अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में पंचायती राज हांसिये पर है, सचिवो पर दबाव डालकर पंचायतों में अनाप-शनाप सामग्री सीधे ठेकेदारों के माध्यम से बेचे जा रहे हैं। पंचायतों में ग्राम ग्रामपंचायतों के सचिवों पर दबाव बनाकर जनपद पंचायत मानपुर कोरोनावायरस से लड़ने सैनिटाइजर व अन्य छिड़काव सामग्री का खरीदी ग्राम पंचायतो द्वारा जनपद से खरीद तो लिया पर कितनी की है उनकी जानकारी में नही है ना ही सचिवो को सेनेटाइजर का बिल दिया गया।
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