रायपुर (छ. ग.) 18/07/2020
पूर्व मंत्री श्री केदार कश्यप ने महामहिम राज्यपाल माननीया अनुसुईया उइके से मिलकर शासकीय कर्मचारी एवं अधिकारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि विलंबित किए जाने का विरोध कर ज्ञापन प्रस्तुत किया था ! साथ ही साथ यह भी आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति / जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश का पालन नही किया जा रहा है , अतः पदोन्नति नियम में आवश्यक संशोधन किए जाने हेतु आदेशित किये जाने के लिए भी श्री कश्यप के द्वारा राज्यपाल महोदया को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था।
आज अजा/अजजा/पिछड़ा वर्ग के क्वान्टिफिएबल डाटा तैयार करने समिति का गठन किया गया है। आदेश में सिर्फ एक लाइन ही लिखा है। श्री कश्यप ने कहा है ये समिति क्यों बनाया गया है, इसका क्या कार्य है? किस अवधि तक इनको रिपोर्ट देना है? कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
यदि यह समिति पदोन्नति में आरक्षण देने के लिये डेटा एकत्रित करने हेतु गठित की गई है तो इसका स्पष्ट उल्लेख क्यों नहीं किया गया है। वैसे भी पिछड़ा वर्ग के लिये पहले ही शासन ने पटेल कमेटी बनायी हुई है, फिर ये समिति क्यों?
यह समिति संदेह पैदा कर रही है कि अजा/अजजा/पिछड़ा वर्ग का कौन सा डेटा कांग्रेस की भूपेश सरकार एकत्र करना चाह रही है। क्या यह अजा/अजजा वर्ग में क्रीमीलेयर लागू करने के लिये डेटा एकत्रित करना चाह रही है?? यह समिति क्यों गठित की गयी है, भूपेश सरकार को तत्काल बताना चाहिए।
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