प्रभारी मंत्री श्री भगत ने पशुपालकों द्वारा लाए गए गोबर को दो रूपए प्रति किलोग्राम की दर से अपने समक्ष तौलाकर गोबर खरीदी कार्य शुरू कराया और उन्हें गोबर क्रय पत्रक प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों की बेहतरी के लिए गोधन न्याय योजना की शुरूआत की गई है।
गोबर की खरीदी से पशुधन के संरक्षण एवं संवर्द्धन को बढ़ावा मिलेगा। पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी। स्थानीय स्तर पर जैविक खाद उपलब्ध होगी। पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक लगेगी। स्वसहायता समूहों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रभारी मंत्री श्री भगत ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी दो रूपए किलो में की जाएगी। गौठानों में स्वसहायता समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। वर्मी खाद का विक्रय आठ रूपए प्रति किलो की दर से किया जाएगा। संजारी-बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना बहुउद्देशीय और लाभकारी है, इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने हरेली तिहार की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह मीणा, वनमण्डल अधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री लोकेश कुमार चन्द्राकर, अपर कलेक्टर श्री ए.के.बाजपेयी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरा, उपाध्यक्ष श्री मिथलेश निरोटी, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती मीना साहू, श्रीमती ललिता साहू, श्रीमती चंद्रप्रभा सुधाकर सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और ग्रामीण मौजूद थे।
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