बालाघाट। प्रदेश में तत्कालीन सरकार द्वारा लागु किये गये ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण को यथावत बनाये रखने सहित अन्य मांगे और चयनित शिक्षको के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को जल्द प्रारंभ करने की मांग को लेकर ओबीसी महासभा और चयनित शिक्षकों द्वारा प्रदेश सरकार के नाम प्रशासन को अंतिम चेतावनी ज्ञापन सौंपा गया। जिसके बाद भी मांगो के निराकरण नहीं होने पर सितंबर में महाआंदोलन की बात कही है।
गौरतलब हो कि प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था, लेकिन माननीय हाईकोर्ट में गये ओबीसी आरक्षण वृद्धि के मामले में सरकार के चले जाने के बाद सत्ता में आई प्रदेश सरकार, अब तक इस मामले में चुप्पी साधे रहे है, जिसका सीधा असर ओबीसी आरक्षण कोटे से नौकरी की मंशा पाले युवाओं पर हो रहा है। दूसरी ओर सरकार ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की सुचारू चल रही दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को रोककर, शिक्षक भर्ती की आस पाले चयनित शिक्षकों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिया है। जिससे न केवल प्रदेश का ओबीसी वर्ग अपितु शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यार्थी स्वयं को ठगा और आहत महसुस कर रहे है। जिसको लेकर आज ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी के नेतृत्व में ओबीसी महासभा से जुड़े युवाओं और शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों ने प्रदेश की सरकार के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण और चयनित अभ्यार्थियों की रोकी गई दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को जल्द प्रारंभ किये जाने की मांग की है।
ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी ने कहा कि आगामी समय में तत्कालीन प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को प्रदेश में बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने पर महत्वपूर्ण सुनवाई कोर्ट में होना है, जिस पर सरकार ओबीसी वर्ग को लेकर अपना पक्ष मजबूती से रखे और शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन प्रकिया को तत्काल प्रभाव से प्रारंभ करवाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी के बढ़ाये गये आरक्षण और चयनित शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन को प्रारंभ करने को लेकर सरकार गंभीर नहीं दिखाई दे रही हैं जिसके कारण न केवल प्रदेश का ओबीसी वर्ग अपितु भविष्य में शिक्षक बनने की आस पाले प्रदेश के हजारों, हजार अभ्यार्थी भी सरकार से असंतुष्ट और आंदोलित है।
ओबीसी आरक्षण और दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को प्रारंभ कराने की प्रमुख मांग को लेकर ओबीसी महासभा के नेतृत्व में किये गये आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी ने कहा कि प्रदेश की सरकार कोरोना महामारी की आड़ लेकर प्रदेश के हजारों, हजार बेरोजगारों के भविष्य से खेलने का काम कर रही है, प्रदेश में भाजपा सरकार और जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रम में कहीं भी कोरोना से बचाव को लेकर कोई सावधानी दिखाई नहीं देती। जबकि सरकार दूसरी ओर कोरोना का बहाना कर चयनित शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन को रोक रखी है। जिससे चयनित अभ्यार्थी स्वयं को मानसिक रूप से प्रताडि़त महसुस कर रहे है। प्रदेश में सरकार स्कूलों के निजीकरण को बढ़ावा देकर शासकीय स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर रही है तो दूसरी ओर आरएसएस, अपने कार्यकतार्ओं को स्कूल में पढ़ाने की बात कह रही है। ऐसे हालत में सालों से अपने भविष्य को लेकर तैयारी कर प्रदेश के हजारों, हजार युवाओं की मेहनत पर पानी फिर जायेगा। जिसकी ओबीसी महासभा निंदा करती है। उन्होने कहा कि प्रदेश की सरकार प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का काम कर रही है, शिक्षको को लेकर सरकार में शामिल मंत्री गलत बयानबाजी कर शिक्षक जैसे व्यक्तित्व की छवि को बिगडऩे का प्रयास कर रहे है, हमारी मांग है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को जल्द ही सरकार प्रारंभ करवाये और प्रदेश में तत्कालीन सरकार द्वारा लागु किये गये ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत के आरक्षण का यथावत रखा जायें। अन्यथा इसके खिलाफ सितंबर माह में एक व्यापक महाआंदोलन किया जायेगा। जिसे यदि सरकार कुचलने का भी प्रयास करती है तो हम पीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान ओबीसी महासभा कार्यकारी जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र ठाकरे, सुनील बिसेन, शारदा फुलबांधे, लक्ष्मी लोधी, रविन्द्र बिसेन, कुलप्रकाश नगपुरे, माधुरी बोपचे, आकांशा कावड़े, लीलाधर पारधी सहित अन्य ओबीसी से जुड़े युवा और चयनित अभ्यार्थी मौजूद थे।.
CNI न्यूज़ चैनल के लिए बालाघाट से आनंद रनगिरे की रिपोर्ट
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.