अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
जाँजगीर चाँपा -- रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भागवत प्रवक्ता एवं देवी उपासक पं० देवीप्रसाद शुक्ला ने सभी शिष्यों एवं जनताओं को शुभकामनायें देते हुये कहा है कि रक्षाबंधन का मतलब रक्षा करने का संकल्प लेना और कच्चे धागे से बांधकर भाई के द्वारा बहनो का अटूट स्नेह का सम्मान करना होता है । इस वर्ष रक्षाबंधन का पुण्य पवित्र पर्व कल अन्तिम श्रावण सोमवार को है। कल प्रात: 08 बजकर 28 मिनट तक भद्रा तिथि है । इसके बाद 08 बजकर 30 मिनट से रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर्यन्त भाई बहनो के अटूट स्नेह सम्मान का उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न होगा। कल रक्षाबंधन के साथ साथ संस्कृत दिवस भी है। शुक्ल यजुर्वेदीय पुराणों के प्रणेता महर्षि वेदव्यास जी का सम्मान करते हुये हम सब भारतीय संकृति भाषा के विकास का संकल्प लेवें और परम्परा को आगे बढ़ावे। रक्षाबंधन के ही दिन राजा बली को भगवान बामन दान लेते हुवे " येन बद्धो बली राजा , दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वाम् प्रतिवध्नामि , रक्षे मा चल मा चल " मंत्रों से रक्षासूत्र बांँधा था। वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल को ध्यान में रखते हुये सभी लोग लाकडाऊन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये राखी पहनें।रक्षाबंधन के इस पावन पुनीत पर्व पर समस्त भाई बहनो को स्नेह भरा आशीर्वाद मंगलमय हो।
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