अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली - केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे सहित इस घोटाले से जुड़े अन्य दो दोषियों को भी तीन साल की सजा सुनायी है। यह मामला वर्ष 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित था। दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्य मंत्री थे। गौरतलब है कि बीते दिनों ही विशेष अदालत ने कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में दिलीप रे को दोषी करार दिया था।विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने दिलीप रे को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी पाया, जबकि अन्य को धोखाधड़ी और साजिश रचने का दोषी पाया गया।सीबीआई की विशेष अदालत ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया था।
कौन हैं दिलीप रे
बीजू जनता दल (बीजेडी) के संस्थापक सदस्य रहे दिलीप रे, बीजू पटनायक के काफी करीबी थे।हालांकि बाद में रे ने पार्टी बदल ली और भाजपा में शामिल हो गये। वर्ष 2014 में वे बीजेपी के टिकट पर राऊरकेला से विधायक चुने गये। उन्होंने वर्ष 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ दी और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास पर अपना वादा नहीं निभाया है।
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