महेन्द्र शर्मा बंटी- डोंगरगढ आदर्श बौद्ध समिति गौतम नगर वार्ड नंबर 3 के तत्वावधान में नगर व वार्ड के समस्त बौद्ध उपासक एवम उपासिकाओ तथा युवाओ ने मिलकर दीपदान उत्सव मनाया कार्यक्रम में लगभग 150 लोग शामिल हुए समिति के अध्यक्ष द्वारा दीपो दान उत्सव के इतिहास के बारे में बताया गया तथा बौद्ध धम्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध जब 17 वर्ष बाद अनुयायियों के साथ अपने गृह नगर कपिल वास्तु लौटे तो उनके स्वागत मैं लाखों दीप जलाकर दीपदानोत्सव मनाया गया था साथ ही महात्मा बुद्ध ने 'अप्पो दीपो भव ' का उपदेश देकर दीपदानोत्सव को नया आयाम प्रदान किया था आदर्श बौद्ध समिति के सचिव भीम सेना सदस्य बादल वाल्दे ने बताया दीपदान उत्सव अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन तथागत गौतम बुद्ध जी ज्ञान प्राप्त कर कपिलवस्तु वापस आए थे उनके स्वागत में कपिलवस्तु के नागरिकों ने अनगिनत दीपक जलाए थे ,सम्राट अशोक ने अपने पूरे राज्य मे घोषणा की 84000 स्तम्भो पर कार्तिक अमावस्या की दीप जलाएं जाएंगे | एवं इस दिन को दीपदान उत्सव के रूप में मनाया जाएगा दीपदान का अर्थ होता है ज्ञान का दान अर्थात बुद्धि का विकास बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करना | आज कुछ लोगों ने उत्सव को स्वार्थ नीति के तहत परिवर्तित कर दिया है । आदर्श नागसेन बुद्ध विहार डोंगरगढ़ अध्यक्ष श्री मुन्नालाल नंदेश्वर जी ने इस अवसर पर समय 7.30 मोमबत्ती और दिया जलाकर बुद्ध वंदना एवं पंचशील कर इस पावन अवसर पर तथागत गौतम बुद्ध एवं सम्राट अशोक जी के बारे में अवगत कराएं हैं । कर्यक्रम में आदर्श बौद्ध समिति गौतम नगर के पदाधिकारी अध्यक्ष विशाल करवाढे ,सचिव बादल वाल्दे ,कोषाअध्यक्ष सिद्धार्थवैद्य
सदस्यगण ,हेमन्त अम्बादे ,राहुल अम्बादे ,अनुज मेश्राम ,अनुज सहारे , विवेक वासनिक , चिंटु अम्बादे, आशीष टेमुरकर , प्रवेश अम्बादे, अभिषेक सहारे ,दिकेश सहारे ,रिंकू , मृणालकर खोबरागड़े, आशीष वैद्य दीपक सहारे, ओंमकार, एवं बड़ी संख्या में वार्डवासी उपस्थित थे।
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