दल्लीराजहरा -दल्लीराजहरा ब्लड डोनेट ग्रुप के युवा सदस्य नियाज़ खान ने कोरोना माहमारी काल मे कोरोना कोविड -19 संक्रमण से बचाव व उपचार हेतु कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए व्यक्तियों को 90 दिवस के भीतर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को प्लाज़्मा डोनेट करने की अपील करते हुए प्लाज़्मा के बारे मे विस्तार से बता रहे है
जब हमे चोट लगती है तो ब्लड निकलती है और कुछ देर बाद घाव के जगह पे ब्लॅड का थक्का जम जाता है फिर पीला कलर का लिक्विड निकलता है जिसे प्लाज्मा कहा जाता है /
प्लाज्मा हमारे शरीर के खून का एक हिस्सा है जिसमे शरीर के सभी पोषक तत्व है और सभी हार्मोन्स वैगरह ट्रांसपोर्ट करता है
जब किसी व्यक्ति को इंफ़ेक्शन होता है तो उसके शरीर मे इन्फेक्शन फैलने वाले वायरस या बैक्टीरिया उसके खिलाफ एंटीबायोटिक बनने लगता है ये ऐंटिबायोटिक उस इन्फेक्शन से लड़ती है और शरीर को रोगमुक्त बनाती है /
इसलिए अस्पताल मे मरीज को ब्लड डोनेट किया जाता है उसी तरह प्लाज्मा डोनेट भी किया जाता है एक स्वस्थ व्यक्ति से आधा से एक लीटर प्लाज्मा लिया जा सकता है।
प्लाज्मा थैरेपी क्या है /-कोरोना वायरस से संक्रमित जो व्यक्ति ठीक हो रहे है उनके शरीर के प्लाज्मा मे कोरोना वाइरस के खिलाफ बन जाता है उससे लड़ने के लिए और वह ठीक भी हो रहे है मतलब उनके शरीर मे वायरस भी मौजुद नहीं है और जो मरीज कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए है
वो प्लाजमा भी डोनेट कर सकते है /कोरोना से स्वस्थ व्यक्ति का प्लाज्मा कोरोना मरीज को डोनेट करने के बाद उसके शरीर मे वायरस से लड़ेगा और उन्हे रोगमुक्त करेगा।
कितने लोगो का ईलाज किया जा सकता है इस टैकनिक से
एक व्यक्ति से मिले प्लाज्मा से 2 से अधिक 5 कोरोना से संक्रमित मरीज का ईलाज किया जा सकता है । एक व्यक्ति के ईलाज मे 200 से 250 एम. एल. प्लाज्मा लग रहा है। ऐसे केसों मे व्यक्ति तेज़ी से रिकवर हो रहे है। कुछ शोधकर्ता दावा करते है कि 3 से 7 दिनों के भीतर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति पुरी तरह से ठीक हो सकता है। दो देशों का रिसर्च हमारे सामने है अमरीका और चीन दोनो देशों ने कुछ मरीजों का प्लाज्मा ट्रीटमेंट किया है l
और 1 से 3 दिनों के भीतर इन मरीजों के हालात मे सुधार हुआ। और सबसे बड़ी बात यह है कि प्लाज्मा डोनेट करने के बाद कोई साइडडिफेक्ट नही दिखा प्लाज्मा नमक, पानी और एंजाइम से मिलकर बना होता है। किसी भी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने से उनके शरीर मे एंटीबायोटिक बनने लगते है। ये एंटीबायोटिक कोरोना वायरस पे हमला करके उसे नष्ट करने की कोशिश करते है।
इस प्रक्रिया मे डोनर के शरीर से सिर्फ प्लाज्मा निकाला जाता है ब्लड का बाकी हिस्सा शरीर मे वापस चला जाता है। प्लाज्मा डोनेट से ठीक हुए मरीजों को देखकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना से स्वस्थ हुए लोगो को प्लाज्मा डोनेट करने की अपील किया।
सी. एन .आई. न्यूज के लिए दल्लीराजहरा से प्रदीप सहारे की रिपोर्ट
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