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Wednesday, May 26, 2021

सुबोध जायसवाल होंगे सीबीआई के नये मुखिया

 

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

नई दिल्ली - देश की प्रमुख जांच एजेंसी सेंट्रल ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) के नये निदेशक के रूप में वर्ष 1985 बैच के आईपीएस ऑफिसर सुबोध कुमार जायसवाल को नियुक्त किया गया है। केंद्र सरकार की कैबिनेट अपॉइंटमेंट कमिटी ने सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाने को मंजूरी दे दी है , उनकी नियुक्ति दो साल के लिये होगी। कानून के मुताबिक सरकारी पैनल सीबीआई डायरेक्टर का चयन ‘वरिष्ठता , अखंडता और एंटी करप्शन मामलों की जांच में अनुभव के आधार पर करता है। नये सीबीआई डायरेक्टर के चयन के लिये सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति की बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई थी। प्रधानमंत्री के अलावा समिति के दो अन्य सदस्य लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना भी बैठक में उपस्थित थे।

गौरतलब है कि सीबीआई के डायरेक्टर पद के लिये सुबोध कुमार जायसवाल के अलावा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा और केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वी०एस० के० कौमुदी का नाम भी चर्चा में शामिल था। वैसे इस पद की दौड़ में सबसे आगे कौमुदी और राकेश अस्थाना सबसे आगे चल रहे थे। इस दौड़ में जिन लोगों का नाम सबसे अधिक चर्चा में था उसमें सुबोध जायसवाल सबसे पीछे दिख रहे थे। लेकिन चयन समिति की बैठक में चीफ जस्टिस ने प्रकाश सिंह जजमेंट का हवाला देकर कहा कि ऐसे किसी अफसर को सीबीआई चीफ के पद पर नहीं चुना जाना चाहिये जिसके रिटायरमेंट में छह महीने से भी कम का समय बचा हो। बताते हैं कि सीजेआई ने इस बिंदु पर खासा आग्रह किया। उनकी बात का समर्थन नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी किया। तब प्रधानमंत्री ने कहा कि चयन नियमों के अनुसार ही किया जायेगा। इस प्रकार अस्थाना और कौमुदी दौड़ से उसी वक्त बाहर हो गये। क्योंकि मौजूदा समय में एनआइए चीफ कौमुदी को इसी महीने रिटायर होना है जबकि राकेश अस्थाना जो इस वक्त बीएसएफ चीफ हैं, वे भी अगस्त में रिटायर हो जायेंगे।अंतत: नये सीबीआई चीफ के तौर पर  सुबोध जायसवाल के नाम पर ही मुहर लगी। मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि सुबोध कुमार जायसवाल को दो साल के लिये केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया है। वर्तमान में ये केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक हैं। 


फरवरी से रिक्त था पद 


सीबीआई निदेशक का पद फरवरी के पहले सप्ताह से ही खाली पड़ा था। इस समय 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा सीबीआई निदेशक का प्रभार संभाल रहे हैं। सिन्हा को यह प्रभार ऋषि कुमार शुक्ला के सेवानिवृत्त होने के बाद सौंपा गया था। जो दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फरवरी में सेवानिवृत्त हुये थे।


संक्षिप्त परिचय 


 बिहार निवासी 22 सितंबर 1962 को जन्मे जायसवाल वर्ष 1985 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस हैं। ये बचपन से ही काफी तेज-तर्रार थे और महज 23 साल की उम्र में ही आईपीएस अधिकारी बन गये थे। महाराष्ट्र कैडर में होने के कारण वे मुंबई के पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के डीजीपी भी रहे चुके हैं। वे नौ साल तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) में भी सेवायें दे चुके हैं। उन्होंने रा में रहते हुये तीन साल तक अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी भी निभायी है। रॉ के लिये इन्होंने देश के बाहर कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो , स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के साथ भी काम किया है। जायसवाल तेलगी घोटाले में अपनी जांच के बाद सुर्खियों में आये थे , उस वक्त वह स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे। इन्होंने महाराष्ट्र एटीएस का नेतृत्व करते हुये कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी काम किया है। वे कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। उन्हें उनकी तेज-तर्रार साफ छवि और गैर-भ्रष्ट अधिकारी के रूप में जाना जाता है। वे देश की अहम सुरक्षा एजेंसी में खुद को साबित कर चुके हैं। इन्होंने वर्ष 2006 के मुम्बई सीरियल ब्लास्ट की भी जांच की थी।उन्हें उनकी विशिष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। उसके बाद भारत सरकार द्वारा इनको बाद में "असाधारण सुरक्षा प्रमाण पत्र" से सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार से मतभेद के बाद वे सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली चले गये थे। तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है। ऐसे में सीबीआई के प्रमुख पद पर सुबोध कुमार जायसवाल को नियुक्त करना बेहद अहम फैसला माना जा रहा है।

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