Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Wednesday, June 23, 2021

कर्णम मल्लेश्वरी बनी दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की पहली कुलपति

 



अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 


नई दिल्ली -- भारत की पहली महिला ओलिंपिक मेडल विजेता कर्णम मल्लेश्वरी को दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली खेल विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया है। मल्लेश्वरी ने सितंबर 2000 में 25 वर्ष की उम्र में सिडनी ओलिंपिक में भोरोत्तोलन में कांस्य पदक जीता था। तब इस वेटलिफ्टर ने स्नैच में 110 और क्लीन एंड जर्क कैटैगरी में 130 किलो का वजन उठाया था। उनका रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है क्योंकि भारत की किसी भी महिला ने ओलिंपिक में भोरोत्तोलन में मेडल नहीं जीता है।उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियों के कारण उन्हें "द आयरन लेडी" उपनाम दिया गया था। उन्हें वर्ष 1994 में अर्जुन पुरस्कार और वर्ष 1999 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे वर्ष  1999 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित की गई थीं। मल्लेश्वरी अब एफसीआई में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म एक जून 1975 को आंध्रप्रदेश के छोटे से गांव वोसावनिपेटा हैमलेट , श्रीकाकुलम में हुआ था। उन्होंने बारह साल की उम्र से खेल के मैदान में प्रवेश किया , उस समय उनके पिता कर्णम मनोहर एक फुटबॉल खिलाड़ी थे। उनकी चार बहनें भी भोरोत्तोलक थीं। उन्होने अपने करियर की शुरुआत जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप से की , जहां उन्होंने नंबर एक पायदान पर कब्जा किया। मल्लेश्वरी ने वर्ष 1997 में शादी की और वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिये अल्प विराम हेतु यमुनानगर , हरियाणा चली आयी। वर्ष 1998 में बैंकाक एशियाई खेलों में भाग लेने के लिये जब लौटी तो ब्रॉन्ज मेडल जीता। हालांकि वे वर्ष 1999 के एथेंस विश्व वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने में असमर्थ रही। वर्ष 1992 के एशियन चैंपियनशिप में मल्लेश्वरी ने तीन रजत मेडल जीते , इसके बाद उन्होंने वर्ष  1993 , 1994 , 1995 और 1996 में विश्व चैंपियनशिप में दो गोल्ड और दो सिल्वर सहित कई अंतर्राष्ट्रीय मेडल जीते। वैसे तो उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में तीन ब्रॉन्ज मेडल हासिल किये हैं,


लेकिन उनकी सबसे बड़ी कामयाबी वर्ष 2000 के सिडनी ओलिंपिक में मिली, जहां उन्होने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया और इसी मेडल के साथ वे ओलिंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी। उन्होंने वर्ष 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने की योजना बनायी लेकिन अपने पिता की मृत्यु के कारण वे भाग नहीं ले सकी। एथेंस 2004 ओलिंपिक में मेडल जीतने में विफल रहने के बाद उन्होंने रिटायरमेंट की घोषणा की।

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad