लोकेशन-सुकमा
संवाददाता-संजय सिंह भदौरिया
11 मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम सीपीआई ने दिया ज्ञापन
सुकमा- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला परिषद सुकमा के सचिव रामासोड़ी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आज विभिन्न मांगों के तहत हम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर सुकमा को
केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि संबंधित अध्यादेश वापस लिए जाने एवं हमारी अन्य मांगे को पूरे किए जाने के संबंध ज्ञापन दिया है
कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों मजदूरों व गरीब जनता को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। आज किसानों द्वारा किए जाने वाले आंदोलन के 300 दिन पूरे हो चुके हैं । लेकिन केंद्र में बैठी सरकार को कोई असर नहीं हो रहा है। सरकार किसानों व जनता की मांगों नहीं मान रही है दूसरी तरफ हमारे अधिकारों के लिए जो 29 श्रम कानून बनाए गए थे उन्हें इस सरकार द्वारा निरस्त किया जा रहा है, एवं इनके बदले मात्र 04 लेबर कोड बना दिए गए हैं, श्रम कानून के बदलाव होने से हम सभी श्रमिकों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है।आने वाले समय में हम सब सरकार तथा पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली बनकर रह जाएंगे।
इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा आज पूरे देश में सरकारी उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है यह देश व प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है ,महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है डीजल पेट्रोल व रोजमर्रा की सामग्रियों के दाम आसमान छू रहे हैं ,इसलिए
तीन काले कृषि कानूनों को रद्द किया जाए,
कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने, बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लिया जाए,
चारों श्रम कानून को तत्काल निरस्त किया जाए , सरकार के द्वारा उपक्रमों को निजीकरण करना बंद किया जाए ,नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए ,फर्जी मामले में जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को नि:शर्त रिहा किया जाए ,शासकीय नौकरी के भर्तियों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए, आदिवासी क्षेत्रों में पांचवी अनुसूची एवं पेसा कानून का पूर्णतया पालन किया जाए,बैलाडीला उत्तर ब्लाक के ए एवं बी खदान के ई-टेडर को तत्काल निरस्त किया जाए ,बोधघाट बिजली परियोजना को ग्राम सभा की अनुमति के बिना शुरू न किया जाए ,रोजगार गारंटी योजना का मजदूरी भुगतान नगद किया जाए, आदिवासी सुकमा जिले में गांवों से 10-20 किमी.दूरी पर बैंक स्थापित है। मजदूरी कोई और करता है बैंक में किसी और के नाम से राशि जमा होता है बैंक में मिलान करते सालों गुजर जाता है। लेकिन मजदूरी नहीं मिलता है।आज भी इस जिले में करोड़ों रुपए भूगतान होना शेष है मजदूर परेशान होकर काम करना नहीं चाहते हैं इन समस्त मांगो को पूर्ण करने हेतु राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है।
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