वनों की अवैध कटाई से वनविभाग पर लग रहा है प्रश्नचिह्न
बालाघाट ।बीते कुछ वर्षों में बिरसा वनपरिक्षेञ अंतर्गत में हो रही वनों की अवैध कटाई से वनविभाग के ऊपर कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे है जो वाजिब भी है।मामला चाहे बोरी का हो या मानेगांव,सालेटेकरी का हो या मछुरदा का सब जगह अंधाधुंध वनों की अवैध कटाई हो रही है जिसको वनविभाग रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।यही कारण है कि रोजाना कहीं न कहीं अवैध सागौन की लकड़ी पकड़ाई जाती है जिस विभाग कार्यवाही भी करता है।अभी छः महीनों के अंदर सालेटेकरी वृत के कई जगहों पर छापामार कार्यवाही कर लगभग लाखो रुपये की अवैध इमारती लकड़ी बरामद किया गया जो वनअमले पर लग रहे दाग को थोड़ा बहुत धोने में सहयोग किया।अभी कुछ महीनों से छापामार कर अवैध सागौन लकड़ियों का सिलसिला जारी है लेकिन इसके पहले सालेटेकरी वृत प्रभारी बी डी खांडेकर के कार्यकाल में यह भी मुमकिन नही था।बी डी खांडेकर के कार्यकाल में हो रही अवैध सागौन की कटाई किसी से छुपी नही थी जिसके कारण ही बी डी खांडेकर को सालेटेकरी से हटा कर मछुरदा वृत में कर दिया गया,यहां पर भी बी डी खांडेकर के रवैये में सुधार नही हुआ और बैगा आदिवासियों ने डिप्टी रेंजर बी डी खांडेकर के ऊपर मजदूरों की कम मजदूरी और सोन नदी पर बना रहे पुल के ठेकेदार से रिश्वत लेने जैसा गंभीर आरोप भी लगाया जिसका उल्लेख समाचार पत्रों में भी किया गया।कुछ लापरवाह डिप्टी रेंजर की लापरवाही की सजा पूरा विभाग भुगत रहा है।वनों की अवैध कटाई हो रही है इसमें दो मत नही है जिसका सबूत ताबड़तोड़ कार्यवाही कर बरामद की गई इमारती लकड़ियां है।मछुरदा सर्किल में हो रही अवैध कटाई का न तो भांडाफोड़ हो रहा है और न ही किसी के ऊपर कार्यवाही की जा रही है जिससे मछुरदा सर्किल में इमारती लकड़ी तस्करों के हौसले बुलंद हैं जिसका जिम्मेदार मछुरदा सर्किल के प्रभारी है जिनके ऊपर सख्त कार्यवाही की मांग क्षेत्रीय जनता ने की है।
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