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Saturday, October 2, 2021

लेह में दुनियाँ के सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज का उपराज्यपाल ने किया अनावरण

 



अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट


लेह (लद्दाख) - आज महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने महात्मा गांधी के जयंती पर प्रदेश की राजधानी लेह में खादी के कपड़े से निर्मित दुनियां के सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज का अनावरण किया। इस अवसर पर दो दिवसीय लद्दाख दौरे पर पहुंचे थल सेना प्रमुख जनरल  मनोज मुकुंद नरवणे सहित अन्य शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित थे। लेह में जैसे ही राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया , समारोह स्थल पर भारत माता के जयघोष गूंज उठे। सेना के जवानों ने उपराज्यपाल , सेना प्रमुख के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर दुश्मनों की हर नापाक साजिश को नाकाम बना रही भारतीय वायु सेना ने भी अपने हेलीकाप्टरों से राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस दौरान वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने तिरंगे के सम्मान में फ्लाई पास्ट किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बाद भारत-चीन सीमा पर गतिरोध की स्थिति पर को लेकर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि बीते छह महीनों में स्थिति फिलहाल काफी सामान्य रही है। हमें उम्मीद है कि आगामी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की एक वार्ता होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि डिसएंगेजमेंट कैसे और किस तरह होगा ? विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई 225 फीट , चौड़ाई 150 फीट और वजन 1000 किलोग्राम से अधिक है। इसे बनाने में 4500 मीटर खादी को कपड़े का इस्तेमाल हुआ है , जबकि इसे बनाने में 1.5 महीने का समय लगा है। इस राष्ट्रीय ध्वज को बनाने के लिये 70 कारीगरों को 49 दिन लगे हैं। इसे भारतीय सेना की 57 इंजीनियर रेजीमेंट ने बनाया था , जिसे 150 सैनिकों द्वारा जनस्कार घाटी की दो हजार फीट ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर ले जाया गया। इस राष्ट्रीय ध्वज को पहाड़ की चोटी पर पहुंचाने में दो घंटे का समय लगा था। ये खूबसूरत तिरंगा 37500 वर्गफूट के क्षेत्र को कवर करता है। इस तिरंगे झंड़े को लेह की जनस्कार पहाड़ी पर लगाया गया था। दरअसल महात्मा गांधी को खादी का पर्याय माना जाता है। वहीं खादी का राष्ट्रीय ध्वज बनाने वाले खादी डायर्स एंड प्रिंटर्स मुंबई के डीएन भट्ट ने बताया कि यह झंडा बनाने के लिये उन्हें अतिरिक्त कलाकारों को काम पर रखना पड़ा। इसे बनाना मुश्किल भी था और बनने के बाद यह बेहद भारी भी था। हमने तय समय में ध्वज तैयार कर लिया और सेना को सौंप दिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गांधी जयंती पर आधारित अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान लोगों से खादी उत्पाद खरीदने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि चलो खादी उत्पाद खरीदते हैं और बापू की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। उन्होने आगे कहा था आज स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन में जो खादी को सम्मान दिया गया था , वही सम्मान व गौरव आज हमारी युवा पीढ़ी खादी को दे रही है।

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