जी पी एम.... ग्रा.पंचायत पतगवा सचिव के साथ मारपीट जब सरपंच पति के साथ उपसरपंच भी हो तो पावर आ ही जाता है
सी एन आई पेंड्रा से ब्यूरो रिपोर्ट
पेण्ड्रा यदि पत्नि सरपंच हो और स्वयं उपसरपंच तो फिर पंचायत में किसी और की कैसे चलेगी ऐसे में तो सारा पंचायत अपना और पंचायती राज भी अपना फिर जो चाहे मन में आए करते रहिए कौन रोकने वाला
पेण्ड्रा जनपद के ग्राम पंचायत पतगवा से सामने आया है यहां के सरपंच पति और स्वयं उपसरपंच रामावतार सोनवानी पर आरोप है कि उन्होंने अपने यहां के सचिव शरद गुप्ता के साथ पंचायत कार्यालय में कमरे में बंद कर मारपीट की और गाली गलौच की । लोगों ने बीच बचाव किया तब जाकर सचिव की जान छुटी और वहां से निकलकर सचिव सीधे थाने पहुंच गए
पूरा मामला पेण्ड्रा के पतगवा का है और घटना 14 तारीख की बताई जा रही है । इस समय पंचायत के सचिव शरद गुप्ता अपने कार्यालय में बैठकर काम कर रहे थे उस समय इनके पास गांव के भी कुछ लोग बैठे हुए थे । इसी समय पंचायत के उपसरपंच और सरपंच पति रामअवतार सोनवानी गुस्से में पहुंचे और सचिव से गाली गलौच करते हुए कहने लगे कि तुम मेरा चेक नहीं काट रहे हो और आरटीआई का भी जवाब दे देते हो तुम अपने आप को समझते क्या हो । इसके बाद उपसरपंच सचिव को एक कमरे में बंद करके हाथापाई और मारपीट करने लगता है । गांव के कुछ लोग बीच बचाव करते हुए सचिव को बचाते हैं । सचिव इसके बाद सीधे पेण्ड्रा थाने पहुंचता है और पूरे मामले की शिकायत करता है । जानकारी के मुताबिक इस समय उपसरपंच पहले से ही थाने पहुंच गया रहता है । सचिव की शिकायत पर पुलिस उपसरपंच के खिलाफ 294 और 323 पर मामला दर्ज कर लेती है ।
सचिव शरद गुप्ता ने आप बीती बताते हुए कहा कि -मैं हमेशा की तरह अपने पंचायत में बैठ कर कार्य कर रहा था उसी समय उपसरपंच आया और गाली गलौज करते हुए मारपीट किया । उपसरपंच नियम विरूद्ध कार्य करने का दबाव डालते रहता है तथा चेक काटने कहता है ये भी कहता है कि तुम सब आरटीआई का जवाब क्यों देते हो तुम मेरे नौकर हो
सचिव संघ के अध्यक्ष शंभू मरावी का इस पूरे मामले में कहना था – सचिव के साथ घटी घटना निंदनिय है यदि ऐसा होते रहा तो कैसे काम चलेगा । आज जनपद में सचिव संघ की बैठक रखी गई है यदि उचित कार्यवाही नहीं होती है तो विरोध प्रदर्शन और आंदोलन किया जाएगा
देखना होगा उपसरपंच और सचिव की ये लड़ाई क्या रूख अख्तियार करती है । पुलिस ने इस मामले में मारपीट की सामान्य धाराओं पर अपराध दर्ज किया है जबकि जानकारों का कहना है कि इस मामले में सरकारी काम में बाधा का अपराध भी दर्ज होना चाहिए था ।
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