ll🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞ll
⛅ *दिनांक - 21 नवंबर 2021*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2078*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - हेमंत*
⛅ *मास - मार्ग शीर्ष मास*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - द्वितीया शाम 07:47 तक तत्पश्चात तृतीया*
⛅ *नक्षत्र - रोहिणी सुबह 07:36 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
⛅ *योग - सिध्द 22 नवंबर प्रातः 05:51 तक तत्पश्चात साध्य*
⛅ *राहुकाल -शाम 04:33 से शाम 05:056 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:03*
⛅ *सूर्यास्त - 17:24*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *स्वास्थ्यवर्धक आँवला* 🌷
🍏 *आँवला एक ऐसा श्रेष्ठ फल है जो वात, पित्त व कफ तीनों दोषों का शमन करता है तथा मधुर, अम्ल, कड़वा, तीखा व कसैला इन पाँच रसों की शरीर में पूर्ति करता हैं | आँवले के सेवन से आयु, स्मृति, कांति एवं बल बढ़ता है | ह्रदय एवं मस्तिष्क को शक्ति मिलती है | आँखों के तेज में वृद्धि, बालों की जड़ें मजबूत होकर बाल काले होना आदि अनेकों लाभ होते हैं | शास्त्रों में आँवले का सेवन पुण्यदायी माना गया हैं | अत: अस्वस्थ एवं निरोगी सभी को आँवले का किसी-न-किसी रूप में सेवन करना ही चाहिए |*
🍏 *आँवले के मीठे लच्छे* 🍏
➡ *सामग्री : ५०० ग्राम आँवला, ५ ग्राम काला नमक, चुटकीभर सादा नमक, चुटकीभर हींग, ५०० ग्राम मिश्री, आधा चम्मच नींबू का रस, १५० ग्राम तेल |*
➡ *विधि : आँवलों को धोकर कद्दूकश कर लें | गुलाबी होने तक इनको तेल में सेंके फिर कागज पर निकालकर रखें ताकि कागज सारा तेल सोख लें | इनमे काला नमक व नींबू का रस मिलाकर अलग रख दें | मिश्री की चाशनी बना के इनको उसमें थोड़ी देर पका लें | बस, हो गए आँवले के मीठे लच्छे तैयार ! इन्हें काँच के बर्तन में भरकर रख लें |*
🌷 *सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना*
👉🏻 *Ø रात को भिगोयी हुई १ चम्मच उड़द की दाल सुबह महीन पीसकर उसमें २ चम्मच शुद्ध शहद मिला के चाटें | १ - १.३० घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें | पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है |*
👉🏻 *Ø दूध के साथ शतावरी का २ – ३ ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं | यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं |*
👉🏻 *Ø रात को भिगोयी हुई ५ – ७ खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है |*
👉🏻 *Ø रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है |*
👉🏻 *Ø आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें | रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर के बल, नेत्रज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है | हड्डियाँ मजबूत बनती हैं |*
👉🏻 *Ø १०० ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को २० ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें | सुबह ३ ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है |*
👉🏻 *Ø शक्तिवर्धक खीर : ३ चम्मच गेहूँ का दलिया व २ चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें | प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें | आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं | यह खीर शक्तिवर्धक है |*
👉🏻 *Ø हड्डी जोडनेवाला हलवा : गेहूँ के आटे में गुड व ५ ग्राम बला चूर्ण डाल के बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाति है | दर्द में भी आराम होता है |*
👉🏻 *Ø सर्दियों में हरी अथवा सुखी मेथी का सेवन करने से शरीर के ८० प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है ।*
👉🏻 *Ø सब प्रकार के उदर-रोगों में मठ्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है | (गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते हैं |)*
🌞 *~ पंचांग ~* 🌞
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