रायपुर/20/11/21- छत्तीसगढ़ महिला की प्रवक्ता श्रुति शुक्ला ने बताया कि 26 नवम्बर 2020 यही वह तारीख थी जब किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन शुरू किया पूरे देश भर के किसानों के द्वारा उग्र आंदोलन की शुरुआत की गई कृषि को व्यापारियों के हाथ में जाने से रोकने व कॉर्पोरेट कृषि व्यवस्था से बचाने के लिए किसानों का अनवरत संघर्ष प्रारंभ हुआ इसे खत्म करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा कई हतकंडे अपनाये गए लेकिन हमारे किसान भाइयों के जोश और जुनून के आगे ये सब साजिशें विफल रही अनेक प्रकार से उन्हें प्रताड़ित किया गया कड़ाके की ठंड में ठंडे पानी की मोटी धार , ओले आदि की वृष्टि उनके ऊपर कराई गई लगातार किसानों को प्रताड़ित किया गया ताकि वह इस आंदोलन को खत्म कर दे और केंद्र सरकार के इस तीन कृषि काले बिल को स्वीकार कर ले लेकिन हमारे किसान भाइयों ने लगातार ठंडी , गर्मी , बरसात हर संघर्ष से जूझते हुए इस आंदोलन को अनवरत जारी रखा और आज परिणाम स्वरूप झूठ व असत्य की हार हुई और सत्य व न्याय की जीत हुई निश्चित ही यह जीत किसानों की नहीं पूरे देश की जीत है क्योंकि किसानों के इस संघर्ष में देश की हर एक जनता उनके साथ थी किसान अन्नदाता है जिन्हें भगवान का दर्जा दिया गया है तथा वे हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है जिनके साथ इस तरीके का अन्याय कतई बर्दाश्त नहीं था
अगर यह बिल लागू कर दिया जाता तो इससे हमारे किसान भाइयों को बहुत नुकसान होता उनके द्वारा उगाए गए अन्न को उन्हीं से कम दाम में खरीद कर उसे ज्यादा दाम में बड़े - बड़े मॉल , उद्योग में बेचा जाता और उसका लाभ बड़े - बड़े व्यापारियों को होता ना कि हमारे किसान भाइयों को बहुत जरूरी था इस तीन कृषि काले कानून को समाप्त करना और अंततः केंद्र सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ा और अपने इस काले कानून को वापस लेना पड़ा यह अहंकार के ऊपर सत्य व न्याय की जीत है हमारे सभी किसान भाइयों को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं।
सी एन आई न्यूज़ डोंगरगांव से संतोष सहारे की रिपोर्ट।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.