मनोज पांडे ने सम्हाली नये सेना प्रमुख की कमान
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली - लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने आज भारत के नये थल सेना प्रमुख के तौर पर पदभार सम्हाल लिया है। उन्होंने आज सेवानिवृत्त हुये जनरल एम०एम० नरवणे की जगह ली है। वे देश के 29वें थल सेना प्रमुख बने हैं। वरिष्ठता क्रम के अनुसार वे इस पद के लिये सबसे उपयुक्त हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि सेना की इंजीनियर कोर के किसी अधिकारी ने थल सेना की कमान सम्हाली है। इससे पहले 28 बार पैदल सेना , तोपखाना और बख्तरबंद रेजिमेंट के अधिकारी ही थल सेना के प्रमुख बनते रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे इसी साल एक फरवरी को थल सेना के उप-प्रमुख बनने से पहले थल सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे। तीन महीने बाद ही सेना प्रमुख की जिम्मेदारी सम्हालने के लिये कार्यभार ग्रहण कर लिया है। बताते चलें नये सेना प्रमुख मनोज पांडे नागपुर निवासी हैं। इनके पिता चंद्रशेखर पांडे नागपुर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष थे। उनकी मां प्रेमा पांडे ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर थीं और नियमित रूप से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम मधु मालती की प्रस्तोता थीं। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे की पत्नी अर्चना पांडे डेंटिस्ट हैं और उनका पुत्र और पुत्रवधू दोनों भारतीय वायु सेना में पायलट हैं। नये सेना प्रमुख ने ब्रिटेन के कैम्बर्ली के स्टॉफ कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है। इनको दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था।इन्होंने 03 मई 1987 को सरकारी डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना से शादी की। अपने लगभग चार दशक के मिलिट्री केरियर में इन्होंने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड , एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड , लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर - पूर्व में एक कोर की कमान सम्हाली है।दिसंबर 2001 में संसद पर हुये आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम के तहत उन्होंने सैनिकों और हथियारों को बड़े पैमाने पर पश्चिमी सीमा पर पहुंचा दिया था। संसद पर हुये आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में युद्ध के हालात पैदा हो गये थे। इन्होंने इथियोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य अभियंता के रूप में कार्य किया है। वे जून 2020 से मई 2021 तक कमांडर-इन-चीफ अंडमान और निकोबार कमांड थे। उनकी शानदार सेवा के लिये उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल , अति विशिष्ट सेवा मेडल , विशिष्ट सेवा मेडल , चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन और जीओसी-इन-सी कमेंडेशन से सम्मानित किया जा चुका है।
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