67 लाख स्र्पये के धान घोटाला,चपोरा धान राखरीदी केंद्र के सभी 11 कर्मचारियों के खिलाफ होगी एफआईआर
बिलासपुर से सुरेंद्र मिश्रा
बिलासपुर कोटा। चपोरा आदिवासी सहकारी समिति में 2700 क्विंटल धान घोटाला फूटने के एक महीने बाद अब जाकर विभागीय अधिकारी हरकत में आते दिखाई दे रहे हैं। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने धान खरीदी में गड़बड़ी करने वाले खरीदी केंद्र के 11 कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश जारी किया है। उप पंजीयक के निर्देश के बाद अब जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों पर नजरें टिक गई है। घोटालेबाज कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के साथ ही अब कार्रवाई को लेकर अटकलबाजी भी लगाई जा रही है।
नगचुई खरीदी केंद्र में धान घोटाले की जांच पूरी हो पाई थी कि रतनपुर के चपोरा धान खरीदी केंद्र में बड़ा घोटाला सामने आया है। 67 लाख स्र्पये के धान की अफरा-तफरी करने का मामला फूटा है। चपोरा खरीदी केंद्र में धान खरीदी के बाद की गई जांच पड़ताल में 2986.52 क्विंटल धान की कमी पाई गई है। कलेक्टर डा सारांश मित्तर के निर्देश पर जांच टीम बनाई गई थी। जांच टीम ने दो मई को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
इसमें धान का शार्टेज होने की पुष्टि की गई है। खरीदी में गड़बड़ी को अंजाम देने के लिए खरीदी केंद्र के 11 कर्मचारियों को प्रथम दृष्टया दोषी ठहराया है और इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी कर दी है। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने सभी 11 कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है।
इनके खिलाफ दर्ज होगी एफआइआर फड़ प्रभारी नरेंद्र जायसवाल,बारदाना प्रभारी प्रवीण जोशी,डाटा एंट्री आपरेटर पवन निर्मलकर,चौकीदार नरेश यादव,सहायक फड़ प्रभारी विवेक राजपूत,सहायक बारदाना प्रभारी प्रकाश कुमार यादव,धान आवक जावक प्रभारी समीश कुमार साहू,सहायक कंप्यूटर आपरेटर दिनेश सिंह व संतराम गोड़ ,चौकीदार सबल सिंह व मुकड़दम सहदेव लश्कर।
होगी वसूली की कार्रवाई
67 लाख स्र्पये के धान घोटाले में खरीदी केंद्र के सभी 11 कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। एफआइआर के बाद वसूली की कार्रवाई भी तेज की जाएगी। इसके लिए कुर्की सहित अन्य कानूनी प्रविधानों पर विचार किया जा रहा है।
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