हार्दिक पटेल हुये भाजपा में शामिल
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
अहमदाबाद - अहमदाबाद स्थित भाजपा मुख्यालय कमलम् में हार्दिक पटेल आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुये। इस अवसर पर बीजेपी नेता नितिन पटेल , गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल विशेष रूप से उपस्थित थे। भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने आज अहमदाबाद स्थित अपने आवास पर पूजा-अर्चना भी की। वहीं पार्टी में शामिल होने से पहले उन्होंने कहा कि पीएम मोदी विश्व के गौरव हैं ,
समाज हित , देश हित में मोदी जी के साथ छोटा सा सिपाही बन कर मैं मोदी जी के साथ काम करना चाहता हूं। पाटीदार नेता ने कहा कि राष्ट्रहित , प्रदेशहित , जनहित एवं समाज हित के इस भगीरथ कार्य में आगे बढ़ने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो राष्ट्र सेवा का काम चल रहा है उसमें छोटा सा सिपाही बनकर काम करने के लिये नये अध्याय की शुरूआत कर रहा हूं। आने वाले दिनों में कांग्रेस से और नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की संभावना पर हार्दिक पटेल ने कहा कि बहुत जल्द हर दस दिन में एक कार्यक्रम करेंगे जिसमें कांग्रेस पार्टी से नाराज विधायकों , ज़िला पंचायत या तहसील पंचायत के सदस्यों , नगर निगम के सदस्यों को जोड़ेंगे।हार्दिक ने कहा कि आज तक मैंने पद के लालच में कहीं भी किसी भी प्रकार की मांग नहीं रखी। कांग्रेस को भी मैंने काम मांगते हुये छोड़ा और बीजेपी में भी मैं काम करने की परिभाषा के साथ जुड़ रहा हूं। स्थान की चिंता कमजोर लोग करते हैं , मजबूत लोग कभी भी स्थान की चिंता नहीं करते। बता दें कि हार्दिक ने 18 मई को कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव से पहले उनका यह कदम कांग्रेस के लिये यह बड़ा झटका है। कांग्रेस छोड़ने से पहले हार्दिक ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की नीति को लेकर जमकर हमला बोला था। अपने त्यागपत्र में हार्दिक ने लिखा था कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं बल्कि ऐसा विकल्प चाहिये जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो और हमारे देश को आगे ले जाने की क्षमता रखता हो। उन्होंने अपने त्यागपत्र में आगे लिखा था कि अयोध्या में राम मंदिर हो , सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो , जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना हो या जीएसटी लागू करने जैसे फैसले हों , देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था। लेकिन कांग्रेस इसमें केवल बाधा बनने का काम करती रही। कांग्रेस का रुख केवल केंद्र का विरोध करने तक ही सीमित रहा। उल्लेखनीय है कि गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से लगभग 70 सीटों पर पटेल वोटर निर्णायक हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पाटीदार आंदोलन की वजह से सीटों का नुकसान हुआ था। पार्टी 100 सीटों का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाई थी , उसे सिर्फ 99 और कांग्रेस को 82 सीटें मिली थीं। सबसे ज्यादा नुकसान सौराष्ट्र क्षेत्र में हुआ था , जहां की 56 सीटों में से 32 पर कांग्रेस को जीत मिली थी और वहीं भाजपा को महज 22 सीटों से संतोष करना पड़ा था। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के 36 विधायक पाटीदार समाज से थे , वहीं वर्ष 2017 के इनकी संख्या घटकर 28 हो गई थी , जबकि कांग्रेस के 20 पाटीदार विधायक जीते थे। गुजरात में फिलहाल बीजेपी के 44 विधायक , 06 सांसद और राज्यसभा में 03 सांसद पाटीदार समुदाय से हैं।
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