भगवान जनन्नाथ की रथ यात्रा आज
रतनपुर गज किला स्थित जगन्नाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली
रतनपुर से ताहिर अली की रिपोट
रतनपुर...शास्त्रों और पुराणों में भी रथयात्रा के महत्व को स्वीकारा गया है. मान्यता है कि भक्त रथयात्रा के दौरान मार्ग में भगवान के दर्शन कर पूजा करने वालो को सीधे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है रथयात्रा एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान जगन्नाथ स्वयं चलकर जनता के बीच आते हैं और उसके सुख दुख के सहभागी बनते है.
रतनपुर में भी सालों से चली आ रही रथ यात्रा की परंपरा देखने को मिलती है लेकिन वक्त के पहिए के साथ रथो के भी पहिए बदल गए और बनिया पारा से रथ निकलकर गज किला पहुंचता था जोकि आज भी रथ यात्रा निकाली जाती है लेकिन बैलगाड़ी की पहियों वाला रथ अब देखने को नहीं मिलता , रतनपुर गज किला में स्थित मंदिर राजा कल्याण सहाय के समय से इस मंदिर में जगन्नाथ जी की पूजा होती आ रही है बताया जाता है कि राजा हमेशा जगन्नाथ पुरी दर्शन के लिए पहुंचते थे एक बार वे दर्शन के लिए नहीं पहुंच पाए तभी उनको एक स्वप्न आया और उस स्वप्न में उससे जगन्नाथ जी समुद्र में एक लकड़ी में अवतरित होते हुए तैरते हुए मिलने की बात कही राजा ने अपने साथ कुछ सहयोगियों को लेकर जिसमें स्वयं राजा और एक पुजारी और एक चित्रकार, कुम्हार को लेकर समुद्र से वह लकड़ी लाए और मंदिर बनवा कर लकड़ी की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा कर उसकी पूजा-अर्चना चालू की तब से आज तक रतनपुर गज किला में जगन्नाथ की पूजा होते चली आ रही और हजारों भक्त पहुंचते हैं दर्शन कर पूजा पाठ करते हैं मंदिर ट्रस्ट द्वारा भंडारे की भी व्यवस्था की जाती है
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