हरेली पर नंदी और बैगा को सांकेतिक ज्ञापन सौंपा गया
सीएनआई न्यूज़ बालोद से उत्तम साहू
बालोद।शिक्षकों के अनिश्चित कालीन आन्दोलन के चतुर्थ दिवस नवीन शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश साहू एवं ब्लॉक अध्यक्ष बालोद लोकेश साहू ने हरेली पर्व पर भगवान भोलेनाथ की सवारी नंदी और बैगा को 2 सूत्रीय मांगो का सांकेतिक ज्ञापन सौंपा।
नवीन शिक्षक संघ के बालोद के ब्लॉक अध्यक्ष लोकेश कुमार साहू ने बताया कि 25 जुलाई से 29तक जिले के 3 बड़े शिक्षक संगठन नवीन शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन एवं शालेय शिक्षक संघ के निष्पक्ष बैनर,समान भूमिका एवं सामूहिक नेतृत्व में आंदोलनरत है जिसमें बालोद ब्लॉक सहित जिले के सभी शिक्षक शामिल है।
मंहगाई की मार ने शिक्षकों को आन्दोलन करने को मजबूर किया
जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश साहू एवं ब्लॉक अध्यक्ष लोकेश साहू ने बताया कि पिछले 3 वर्षों से शासन द्वारा मंहगाई भत्ता लंबित कर दिया गया है जब कि केंद्र सरकार एवं देश की अन्य राज्यों की सरकारों द्वारा 34% मंहगाई भत्ता अपने कर्मचारियों को प्रदान किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 12% कम मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है। गृह भाड़ा भत्ता भी सातवें वेतनमान के अनुसार नहीं दिया जा रहा है।जिसके कारण शिक्षक शासन प्रशासन से नाराज है।शासन शीघ्र ही मांगों को पूरी करें ताकि शिक्षक अपने कर्तव्य पर शालाओं में अपनी उपस्थिति प्रदान कर सकें।
अनिश्चित कालीन आन्दोलन का शुभारंभ ब्लॉक मुख्यालय में शिव जी की जलाभिषेक से किया गया।द्वितीय दिवस ब्लॉक में एस डी एम के माध्यम से शासन प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। आंदोलन के तृतीय दिवस जिले के शिक्षकों द्वारा कलेक्टर बालोद के माध्यम से मुख्यमंत्री ,मुख्य सचिव,सचिव वित्त विभाग,सचिव सामान्य प्रशासन को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
बैगा और नंदी को सौंपा गया ज्ञापन
आन्दोलन के चौथे दिवस हरेली त्यौहार के अवसर पर जिले के समस्त ब्लॉकों के साथ बालोद ब्लॉक में भी नंदी और बैगा को ज्ञापन सौंपकर मांगो को पूरा कराने का निवेदन किया गया तथा पांचवे दिवस दुर्ग संभाग आयुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जावेगा जिसमें संभाग ,जिले एवं ब्लॉक के समस्त पदाधिकारीगणों की उपस्थिति रहेगी।
जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश साहू ,ब्लॉक अध्यक्ष लोकेश साहू ने ग्राम लोंडी के बैगा कृत पिस्दा एवं नंदी को धनेश ठाकुर,जितेंद्र कुमार की उपस्थिति में शासन प्रशासन को सांकेतिक रूप से ज्ञापन सौंपकर मांगों के निराकरण करने हेतु निवेदन किया। शासन-प्रशासन जब 3 सालों से मांगो पर विचार नहीं कर रही है आंदोलनरत शिक्षकों ,कर्मचारियों और अधिकारियों की आवाज को अनसुना कर रही है।तब हम किसे अपनी बात कहे।कौन है जो हमारी मांगो को पूरा करेगा। अतः इस प्रकार से सांकेतिक ज्ञापन द्वारा अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
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