उपभोक्ता को गेहूं के बदले दिया जा रहा चावलयोजना के तहत गरीब व जरूरतमंदों को एक रुपए किलो और फ्री में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस राशन में पिछले इस माह से गेहूं के स्थान में भी चावल दिया जा रहा है।
सी एन आई न्यूज सिवनी जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट
ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में चावल गेहूं की मांग लगभग बराबर है। ऐसे में उन्हें राशन में गेहूं नहीं मिलने के कारण बाजार से महंगे दाम पर गेहूं खरीदना पड़ेगा। जिसके चलते मंडी में भी गेहूं के दाम बढ़ने लगे हैं। जहां पिछले माह गेहूं के दाम 2000 हजार रुपए क्विंटल से 28 00 रुपए क्विंटल तक थे वहीं अब 22 सौ से तीन हजार हो गए हैं। गरीब तबके के लोगों सस्ते अनाज के लिए राशन दुकान पर निर्भर हैं। समें प्रति माह एक रुपए किलो मिलने वाल राशन के साथ प्रधानमंत्री खाद्यान्न योजना का निशुल्क राशन भी शामिल है। चावल के साथ जितना गेहूं दिया जाता था अब उस गेहूं के वजन का चावल ही दिया जा रहा है। दूसरी ओर राशन दुकानों से जो गरीब सस्ता अनाज लेकर अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहा है, उन्हें अभी से यह चिंता सताने लगी है कि यदि राशन दुकान से अत्यधिक मात्रा में सिर्फ चावल मिलेगा तो अपनी जरूरत का गेहूं बाजार से कैसे खरीदेंगे। क्योंकि बाजार में गेहूं काफी महंगा बिक रहा है। जिले में कुल 2 लाख 36 हजार 224 राशन कार्ड धारी हैं, जिसमें करीब 8 लाख 98 हजार 98 सदस्यों के लिए हर माह सस्ता अनाज वितरण किया जा रहा है। इन्हें राशन दुकानों से चावल, गेहूं, नमक, के साथ केरोसीन भी दिया जा रहा है। जिससे इन गरीबों का महीने भर पेट चलता है। इसमें से कोई एक भी सामग्री नहीं मिलने से ग़रीब के घर का बजट ही बिगड़ जाता है, लेकिन मई माह के खाघान्न वितरण में यह स्थिति सामने आई कि चावल अधिक मात्रा व गेहूं कम मात्रा में वितरण किया गया। जुलाई माह से गेहूं वितरण ही बंद कर दिया गया।
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