देश के विकास का सशक्त आधार है युवा - अरविन्द तिवारी
(आज अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस विशेष)
नई दिल्ली — वैश्विक परिवर्तन लाने में युवाओं के योगदान को चिन्हित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को मनाया जाता है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये अरविन्द तिवारी ने बताया किसी भी देश का युवा उस देश की सबसे बड़ी ताकत होती है। संयुक्त राष्ट्र का यह इंटरनेशनल यूथ डे संयुक्त राष्ट्र के युवाओं के लिये एक समर्पित अवकाश है। यह दिन अलग-अलग तारीखों पर दुनियां भर के करीब 18 देश मनाते हैं। यह दिन युवाओं को एक साथ लाने के प्रयासों को बढ़ावा देने और सकारात्मक योगदान के माध्यम से उन्हें अपने समुदायों में अधिक सक्रिय रूप से शामिल करने के उद्देश्य सै मनाया जाता है। यह दिन युवाओं द्वारा समाज की भलाई के लिये किये गये प्रयासों को मान्यता देने के लिये मनाया जाता है। युवा किसी भी समाज का चालक और देश के विकास का सशक्त आधार होता है। लेकिन जब वही युवा अपने सामाजिक और राजनैतिक जिम्मेदारियों को भूलकर विलासिता के कार्यों में अपना समय नष्ट करता है , तब देश बरबादी की ओर अग्रसर होने लगता है। युवाओ में वो शक्ति होती है जो किसी भी समाज और नीतियों की दिशा बदल सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुये अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुवात की गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर 1999 को यह फैसला लिया गया कि 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जायेगा। यह फैसला युवाओं के लिये जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा वर्ष 1998 में दिये गये सुझाव के बाद लिया गया। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार वर्ष 2000 में किया गया था , जो जागरूकता का प्रतीक है और युवाओं के लिये सांस्कृतिक और कानूनी मुद्दों के एक सेट पर ध्यान केंद्रित करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था। हर साल इस दिन संयुक्त राष्ट्र एक थीम का चयन करता है। इसी थीम के इर्द गिर्द दुनियां भर में युवाओं के लिये और युवाओं के द्वारा कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा युवाओं से उनके विचार और सलाह भी ली जाती है। इस वर्ष 2022 में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम है “अंतर पीढ़ीगत एकजुटता : सभी उम्र के लिये एक दुनियां बनाना।" आम तौर पर इन कार्यक्रमों में परेड , म्यूजिक कॉन्सर्ट , प्रदर्शनियां का आयोजन होता है। इसके अलावा विभिन्न संचार माध्यमों से दुनियां भर में युवाओं के साथ संवाद किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आज पाडकास्ट शैली से चर्चायें होंगी , जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के युवा शामिल होंगे और सामाजिक , राजनीतिक एवं आर्थिक मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है सामाजिक , आर्थिक और राजनीति के मुद्दों पर युवाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका पर चर्चा करना। हालांकि इस साल कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिये आनलाइन इवेंट का आयोजन होगा। बताते चलें कि पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। यहाँ 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ से भी अधिक युवा हैं। अर्थात् हमारे देश में अथाह श्रमशक्ति उपलब्ध है। आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की आवश्यकता है। यह दिवस युवाओं की आवाज , कार्यों और उनकी सार्थक पहल को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने का अवसर है।
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