आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने तक हम चैन से नहीं बैठेंगे - पीएम मोदी
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली - मानवता के लिये आतंकवाद बड़ी समस्या है। आतंकवाद ऐसा विषय है है जो मानवता पर असर डालता है , ये इकानामी पर असर डालता है। आतंकवाद के खतरे के प्रति सावधानी जरूरी है। जब तक आतंकवाद को जड़ से नहीं उखाड़ देते , हम चैन से नहीं बैठेंगे। आज आतंक का तरीका बदल रहा है , नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। डार्क नेट और फेक करेंसी उसका उदाहरण हैं। प्राइवेट सेक्टर को ऐसे रोकथाम में सहयोग देना होगा। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल टेरर को ट्रैक और टैकल करने में करना चाहिये। साइबर क्राइम और रेडिकलाइजेशन ये आतंक का बहुत बड़ा सोर्स है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवादी रोधी वित्तपोषक पर आयोजित नो मनी फार टेरर यानि आतंक के लिये कोई धन नहीं मंत्रिपरिषद के दो दिवसीय सम्मेलन करते हुये कही। उन्होंने कहा कि दशकों से अलग-अलग नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। हमने हजारों बेशकीमती जानें गंवाईं लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है। पीएम मोदी ने कहा कि अभी भी आतंकवाद को लेकर कुछ सर्कल में गलत धारणा है। हर आतंकवाद की घटना की निंदा और उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये। ये सभ्यता और मानवता पर हमला होता है इसकी कोई सीमा नहीं होती। दुनियां से बहुत पहले भारत ने आतंकवाद का काला चेहरा देखा था। हम आतंकवाद के अपने घर तक पहुंचने का इंतजार नहीं कर सकते। हमे आतंकवाद, उनके सपोर्ट और आर्थिक लिंक को तोड़ना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को लेकर जो दया या सहानुभूति दिखाते हैं उनको भी आईना दिखाने की जरूरत है। आतंकवाद का एक सोर्स संगठित अपराध है , जिनके सदस्यों का आतंकी संगठनों से संबंध होता है जो हथियार और ड्रग तस्करी का पैसा आतंकी घटनाओं में लगाते हैं। हमें आतंकियों का सपोर्ट सिस्टम उनकी फंडिंग रोक कर खत्म करना होगा। कुछ देश वित्तीय और वैचारिक मदद देकर आतंक को सपोर्ट करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ये संज्ञान में लेना चाहिये। प्राक्सी वार के प्रति सख्त रुख अपनाना चाहिये। विश्व को ऐसे रुख के प्रति आगाह होना चाहिये। जो भी गैंग सक्रिय है उनका विदेशी कनेक्शन है। उनको मदद देने पर लगाम कसनी चाहिये। आर्गेनाइज्ड क्राइम के खिलाफ ऐक्शन होना चाहिये। पीएम मोदी ने कहा खास बात यह है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है। हमारे देश ने दुनियां के गंभीर रूप से ध्यान देने से बहुत पहले आतंक की भयावहता का सामना किया था। आतंकवाद मानवता , स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है। यह कोई सीमा नहीं जानता केवल एक समान , एकीकृत और शून्य-सहिष्णुता का दृष्टिकोण ही आतंकवाद को हरा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कुछ देश अपनी विदेश नीतियों के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक , वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। टेरर फंडिंग के स्रोतों में से एक संगठित अपराध है। इसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिये। इन गिरोहों के अक्सर आतंकी संगठनों से गहरे संबंध होते हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधते हुये कहा कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में भारत ग्लोबल मूमेंटम बना रहा है। दूसरे देशों के बीच आतंक को रोकने के लिये ज्वाइंट ऑपरेशन और प्रत्यर्पण संधि होनी चाहिये। कुछ देश वित्तीय और वैचारिक मदद देकर आतंक को सपोर्ट करते हैं। पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि आतंकवाद को स्टेट स्पांसर और वैचारिक सपोर्ट नहीं करना चाहिये। विदेश में बैठे गैंग जो अपने मूल देश के खिलाफ आर्गेनाइज्ड क्राइम की गतिविधियां संचालित कर रहे हैं , उनके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करना चाहिये। साइबर क्राइम के जरिये कट्टरता फैलाना बड़ी चुनौती है सभी देशों का सहयोग बहुत जरूरी है।
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