छत्तीसगढ़
पताल लोक के पहाड़ में है शिव जी का निवास ,गुप्त गंगा से जलाभिषेक
रायपुर / पैलीमेटा । छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के नर्मदा से मलाजखंड मार्ग पर स्थित चोड़रा धाम में भगवान शिव पताल लोक के पर्वत के गुफा में विराजमान है ।
यहां गौमुख से निकल रही गुप्त गंगा से भगवान शिव का जलाभिषेक निरंतर हो रहा है । महाशिवरात्रि पर यहां छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि भारत देश के अन्य राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र आदि के लाखों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं ।
महाशिवरात्रि के मौके पर विशाल मेले का आयोजन किया गया है ।
लोगों के मनोरंजन के लिए धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
18 फरवरी शनिवार को मया के छांव रायपुर की प्रस्तुति होगी।
19 फरवरी रविवार को रामायण कथा एवं समापन पर फाग का आयोजन किया गया है।
चोड़राधाम महोत्सव का शुभारंभ शनिवार 18 फरवरी 2023 को जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत सिंह भगत करेंगे।
अध्यक्षता विधायक यशोदा नीलाम्बर वर्मा करेंगी। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक गिरवर जंघेल,लाल टारकेश्वर शाह खुशरो ,लाल रोहित सिंह पुलस्त्य, मोतीलाल जंघेल, ममता राजेश पाल, राधामोहन दास वैष्णव, निर्मला विजय वर्मा, नीना विनोद ताम्रकार,चेतन देवांगन, संजू सिंह चंदेल, राजकुमार पटेल,रमला प्रेम साहू, गुलशन तिवारी,मोहसीन खान, कविता अशोक जंघेल, कामदेव जंघेल,मिज्ञेश यादव, दिलीप ओगरे,केशलाल मंडावी, कविता श्यामू मेरावी, आनंद राम पटेल, गणेश वर्मा होंगे।
यहां 18 , 19 और 20 फरवरी 2023 को यहां मेला लगेगा ।
उल्लेखनीय है कि नर्मदा मलाजखंड मार्ग पर जंगलपुर घाट के समीप स्थित चोड़राधाम प्राकृतिक और धार्मिक नजरिए से काफी खास स्थान है ।
यहां पहुंचने के लिये पहले मां कमलेश्वरी गरगरा माई, मामा भांजा के दर्शन होते है ।
एक बड़ा मैदान पार करने के बाद 150 फीट पताल लोक सीढ़ी के माध्यम से नीचे जाने के बाद चोड़राधाम डोंगेश्वर महादेव का मंदिर है, जहां पताल गुप्त गंगा से आने वाले जल सीधे होते हुए शिव लिंग पर निरंतर प्रवाहित हो रही है ।
गहरी और लंबी गुफा
यहां बड़ी चट्टाने और गुफा है, जो दर्शकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है ।
यहां गुफाएं भी है, जिन्हें वर्तमान में गहरा - अंधेरा होने के कारण बंद कर दिया गया है । गुफा में काफी रहस्य है ।
इसकी लंबाई का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है ।
आसपास के जंगलों में आयुर्वेदिक हरे-भरे पौधों की भरमार हैं, जिन्हें साधु -संत द्वारा जड़ी - बूटी बनाकर लेप कर लोगों का उपचार होता है ।
प्राचीन मुढ़ बुलका मार्ग
जानकारी के अनुसार यहां आये श्रद्धालुओं द्वारा इस मार्ग के 150 फीट नीचे से पहाड़ी की ओर प्राचीन मुढ़ बुलका मार्ग है, जहां लोग कबीर साहेब के दर्शन करने के बाद वह रास्ते से निकलते हैं,जो पताल से सीधे पहाड़ी मैदान मेला स्थान तक जाती है ।
महाशिवरात्रि के मौके पर यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ लगी रहती है ।
आज महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन किया गया ।
सी एन आई न्यूज रायपुर छत्तीसगढ़ से हितेश मानिकपुरी की रिपोर्ट ।
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