मामला 9 करोड़ 17 लाख के गड़बड़ी का भारत सरकार हस्तक्षेप करे-रमेश हिड़ामे
मोहला। एकलव्य आदर्श आवासिय विद्यालय पेंड्री राजनांदगांव पालक समिति के अध्यक्ष रमेश हिड़ामे ने कहा है कि एकलव्य आवासीय विद्यालय जनजाति बच्चों के उच्च शिक्षा हेतु अनुच्छेद 275(1)के तहत भारत सरकार
द्वारा मेडिकल एवं ईंजीनियरींग के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की शैक्षणिक संस्थान का शुभारंभ किये हैं,छ ग में इस तरह के 73 विद्यालय संचालित हैं जिनमें से राजनांदगाव(पेंड्री),मोहला व मानपूर भी शामिल है, राजनांदगांव(पेंड्री) में कुल 418 बच्चे छटवीं से 12वीं तक अध्ययनरत हैं जिनके पालकों द्वारा स्वयं पालक समिति का गठन कर समय-समय पर समस्याओं को शासन प्रशासन को अवगत कराते गये यहां तक की प्रशासन द्वारा समिति को मानने को भी त्यार नहीं हैं बावजूद पालक समिति बच्चों के हित में अडिग है, जब प्रशासन समिति की बातों को अनसुनी किया तब मजबूर होकर प्रेस कांफ्रेंश करना पड़ा प्रेश के माध्यम से अल्टीमेटम दिया गया फिर भी प्रशासन ने अनदेखा किया तब सभी पालकों ने विद्यालय गेट में धरना दिये फिर भी प्रशासन नहीं जागा तब पालकों ने सभी बच्चों को घर ले गये फिर भी प्रशासन नहीं जागा तब पालकों द्वारा कलेक्टेड के सामने धरना दिये, प्रेश के साथियों का भरपूर सहयोग रहा तब कहीं कुछ हद तक जिलाधीश ने चर्चा हेतु पहल किया और पालकों ने दूसरे दिन से बच्चों को विद्यालय छोड़ना चालू किये आज यह विषय विधान सभा में अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक डा कृष्ण मूर्ति बांधी ने लगया तब पता चल रहा है कि 9 करोड़ 17 लाख का गड़बड़ घोटाला है तीन विद्यालय का ये हाल है तो 73 विद्यालय का कितना होगा? इसे तो भारत सरकार को संज्ञान में लेकर जांच करवाना चाहिये और दोषियों पर कानूनन कार्यवाही करना चाहिये नहीं तो ये खुद की जांच खुद ही करके सब रफा दफा कर देंगें और जनजाति बच्चों का हक छिना जायेगा,आदिवासी बच्चों के हित में अन्य वर्ग के जनप्रतिनिधि आवाज सदन व बाहर उठा रहे हैं लेकिन जनजाति बहूल्य विधायक मौन हैं, क्यों? जो जनजातियों के लिये बहुत ही चिंता का विषय है आखिर जनजाति प्रतिनिधियों को जनजातियों के हित की आवाज उठाने में सांप क्यों सूंघ जाती है।
और तो और संबंधित सवाल के मंत्री भी जनजाति वर्ग से हैं जो सवालों का जवाब भी गोलमोल देकर जनजातियों के हक को छीनने वालों को बचाने का काम कर रहे हैं जिनको प्राचार्य बन आये लगभग महीना भर हुआ उन्हें निलंबित किया जो बहुत से शंका को जन्म देती है की इस रेवड़ी बटवारे में खुद मंत्री भी शामिल तो नहीं हैं? ऐसे मंत्री को स्वयं पद से स्तीफा देकर चूल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिये।
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