सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि पर शिक्षा प्रोत्साहन व सम्मान कार्यक्रम का आयोजन
मानपुर देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के 126 वी पुण्यतिथि के अवसर पर जिला मोहला मानपुर चौकी के सबसे पिछड़े सुदूर वनांचल मदनवाढा क्षेत्र के पालको व छात्र-छात्राओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से वनांचल शिक्षा विकास समिति एवं स्थानीय पालकों के सहभागिता से बाल शिक्षा जागरूकता व सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न गाँव के जागरूक पालकों छात्रों व शिक्षकों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में पालकों, शिक्षकों व बड़ी कक्षाओं मे पढ़ने वाले छात्रों ने शिक्षा विकास में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा विमर्श कर सामूहिक रूप से समाधान करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में श्री डीडी मंडले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मानपुर ने कहा कि शिक्षा से ही उन्नति संभव है। शिक्षा प्रगति उत्पादन विकास और स्वास्थ्य का मुख्य आधार है। शिक्षा की बदौलत ही डॉ बाबा अंबेडकर व डॉ अब्दुल कलाम जैसे विद्वानों को पूरी दुनिया सम्मान देती है। इसलिए परिस्थितियां कैसी भी हो पढ़ना कभी ना छोड़े और ना ही छोड़ने दे। साथ ही उन्होने कहा कि शिक्षा जागरूकता के कार्य में वनांचल शिक्षा समिति का यह कार्य बहुत ही सराहनीय व अनुकरणीय है ऐसे आयोजन ब्लॉक के हर ग्राम पंचायत स्तर पर होना चाहिए क्षेत्र का समग्र विकास शिक्षा से ही संभव है ।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा उत्थान पर कार्य कर रही बालोद जिले की सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री नीलिमा श्याम ने कहा कि शिक्षा के महत्व को 126 वर्ष पूर्व सावित्रीबाई फुले ने पहचान लिया था इसलिए उन्होंने कई यातनाएं सहते हुए भी नारी शिक्षा का कार्य जारी रखा, लोग उन पर कीचड़ फेंकते रहे फिर भी उन्होंने महिलाओं को पढ़ाना नहीं छोड़ा जिसके परिणाम स्वरूप ही आज देश में महिलाओं का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री कलेक्टर एसपी बन पाना संभव हो पाया है इसलिए महिलाएं अपने बच्चों को शिक्षित जरूर बनाएं साथ ही छात्र अपना ऊंचा लक्ष्य तय कर घर की दीवार पर और शाला की दीवार पर लिखकर चस्पा करें ताकि प्रत्येक दिन आपका लक्ष्य आपको प्रेरित करता रहे। साथ ही हर घर में पालक एक शिक्षा गुल्लक रखें जिसमें समय-समय पर पैसा डालते रहें जो आपके बच्चों के शैक्षणिक कार्यों में जरूरत के समय काम आएगा।
पालकों की ओर से अपनी बात रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सुरजु टेकाम ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा केवल किताबी नहीं होनी चाहिए। वनांचल क्षेत्र के छोटे बच्चों में देखकर व करके सीखने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है ऐसे में स्कूल के शिक्षकों को बच्चों की मनोदशा के अनुसार परिवेशीय शिक्षा प्लान बना कर सिखाना चाहिए जिससे बच्चों के लिए शिक्षा रटाउ और बोझिल ना बने।
अतिथि के रूप में उपस्थित मानपुर ब्लॉक की बीआरसी सुश्री जाहिदा खान ने कहा कि शिक्षा विकास में पालकों का अहम योगदान होता है बच्चों को रोज स्कूल भेजें और प्रत्येक दिन कम से कम 5 मिनट स्कूल में हुए गतिविधि के बारे में चर्चा करें इससे बच्चों में स्कूल और शिक्षा के प्रति गंभीरता स्वतः बढ़ता जाएगा। आयोजन का अध्यक्षता संदेश हाई स्कूल मदनवाढा के प्रभारी प्रचार्य श्री नरेंद्र देशलहरे ने दिया । संकुल समन्वयक शेखर ठाकुर ने क्षेत्र की स्कूली समस्याओं से पालकों को अवगत कराया। शिक्षक सदाराम धुर्वे ने स्थानीय गोंडी भाषा में शिक्षा के महत्व को बताया। सभा को व्याख्याता महेंद्र गोआर्य और व्याख्याता सुधन कोरेटी शिक्षक सुकालू बघेल मोहन खुजूर, एलएलबी की छात्रा कु संतोषी सलामें, सेल्फ डिफेंस ट्रेनर कु रवीना तुलावी छात्र सतीश उइके अजय कुमेटी ने भी संबोधित किया। मंच संचालन का कार्य कार्यक्रम के संयोजक व वनांचल क्षेत्र में गत कई वर्षों से शिक्षा जागरूकता पर कार्य कर रहे ग्राम मुंजाल के नवाचारी शिक्षक अंगद सलामें ने सुचारू रूप से किया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में व्याख्याता अमित कुमार रजक स्वास्थय संयोजक हरिराम टेकाम प्रधान पाठक मोहन खुजुर खेमलाल साहू मदनवाडा सरपंच श्रीमती मीना बाई तुलावी जनपद प्रतिनिधि नीरंगू पुंगाटी सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश तूलावी संतोष नेताम नंद गुरुवार टोपा अजय तूलावी देवजी धुर्वा शंकर यादव हीरु कोमरे सन्नू बोगा बीरू नेताम रूपेश कुमार जानू घावडे कुंवरसिंह और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और उनके पालक उपस्थित रहे ।
सी एन आई न्यूज मोहला से योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट
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