आत्मज्ञान भवन में मनाई गई होली मिलन समारोह
सीएनआई न्यूज़ बालोद से उत्तम साहू बालोद।प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आत्मज्ञान भवन आमापारा में गुरुवार को होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बीके भाई बहन उपस्थित रहे। ब्रह्मकुमारी विजयलक्ष्मी दीदी ने सभी को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने होली के महत्व को बताते हुए कहा पहला होली अर्थात जो हो गया, बीत गया उसका ना तो वर्णन करना है और ना चिंतन करना है। दूसरा होली अर्थात शुद्धता, पवित्रता हमें अपने मन को, विचारों को शुद्ध, होली बनाना है। तीसरा होली अर्थात परमात्मा की होली अर्थात मैं आत्मा परमात्मा की हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि सभी लोगों का दायित्व है कि अपने अंदर की किसी एक बुराई को होलिका के साथ दहन अवश्य कराएं। इंसान को श्रेष्ठ मार्ग पर चलना चाहिए और अच्छाइयों को ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईश्वर चाहता है कि हमारे अंदर तमाम बुराइयां खत्म हो और अच्छाइयों का प्रवेश हो।
बी के सरिता दीदी ने होली रंगों का आध्यात्मिक अर्थ बताया।होली का अर्थ है कि हम ईश्वर के हो चुके और ईश्वर हमारा हो चुका, इसके अलावा बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का प्रतीक भी होली को समझा जाता है।
उन्होंने कहा कि नीला रंग शांति, हरा रंग प्रेम, पीला रंग खुशी, नारंगी रंग पवित्रता, लाल रंग शक्ति का होता हैl होली पर्व में इन रंगों के साथ स्वयं को रंग के सच्चे होली मनाएं।
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