हड़ताल का 16वे दिन छत्तीसगढ़ पटवारी मनाए काला दिन
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खैरागढ़। छत्तीसगढ़ पटवारी का प्रांत स्तरीय हड़ताल का 16वा दिन छत्तीसगढ़ के समस्त पटवारी काले कपड़ा पहनकर हड़ताल कर सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया गया।
आपको बता दे कि वनांचल क्षेत्र के किसानों का जीवन अधर में है खाद बीज लेने एवं सोसायटी में सदस्य बनने हेतु बी वन खसरा की कॉपी मंगाई जाती है लेकिन डिजिटल सिग्नेटर नहीं होने से प्रिंट नही निकल पाता जिससे किसानों में मायूसी है।
अब किसान किसको कोसे अपने भाग्य को या सरकार को या पटवारी को लेकिन बात ये भी है कि पटवारियों की मांग जायज भी है क्यों कि आठ सूत्रीय मांग में जायज मांग ही रखी गई है, तो सरकार को इस हड़ताल को खत्म कराने के संबंध में पहल करना चाहिए लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होना सरकार की उदासीनता झलक रही है।
हड़ताल स्थल पर बैठे पटवारियों से पूछताछ
वनांचल क्षेत्र तहसील साल्हेवारा परिसर में हड़ताल में बैठे पटवारी राजेंद्र साहू और विजय चौरे से बातचीत हुई जिसमे बताया गया कि हड़ताल का 16वा दिन पटवारियों के लिए काला दिन है और पूरे छत्तीसगढ़ के पटवारी संघ के आह्वान पर काले कपड़ा पहन कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया गया। पटवारियों का कहना है कि हम सरकार की मौन प्रकृति से दुखी है और इससे यह बात सिद्ध होती है कि कर्मचारी हित को लेकर सरकार उदासीन है। उनका कहना है कि आठ सूत्रीय मांगे जायज है छत्तीसगढ़ पटवारी अपनी मांगो को लेकर अडिग है मांगे लेकर ही हड़ताल वापसी करेगी। हड़ताली पटवारियों ने यह तक कह दी कि सरकार की हमारे प्रति उदासीन विचार धारा की कदापि आशा नही थी,लेकिन ऐसे समय में किसानो और स्कूली बच्चे के भविष्य अधर में है हम दुखी है पर विवश है हमारी जायज मांगे सरकार को पूरी करनी चाहिए ताकि तत्काल हड़ताल वापसी हो सके।
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