भाटिया जी के निधन के बाद भाजपा में बडे नेता बनाने की होड
छुरिया । भाजपा में स्वः रजिन्दर पाल भाटिया के निधन के बाद , बडे नेता बनाने की होड मची हुई है जबकि राजनीति क्षेत्र में भाटिया कोई मुकाबले नेता दिखाई नही देता , लेकिन संगठन में बैठे नेता अपने आप को सर्व शक्तिशाली मन बैठे है , जबकि उनके निधन के बाद पार्टी ने मुखर जनसेवक खो दिया है लगातार आमजनों के बींच गहरी पैठ बना चुके थे स्वः भाटिया सहज सरल व्यवहार के चलते पुरे विधानसभा में लोकप्रिय नेता थे , उनके निधन के पश्चात संगठन नेता अपने आप को बडा नेता मन चुके जबकि क्षेत्र लोगों स्वीकार नही कर रहै , कार्यकर्ता अपनी दुख तकलीफ किसको सुनाए लोगो की समास्याओं का निराकरण करने वाला अभी भाजपा में चमत्कारिक नेता दिखाई नही दे रहा है महज 6 माह बाद विधानसभा चुनाव है , जिसमें संगठन का चुनाव में महत्वपूर्ण योगदान होता है ,दो माह से ऊपर मंडल अध्यक्ष का घोषण हुए हो गया लेकिन कार्यकारणी बदलाव अब तक नही हो पाया वही हाल भाजयुमो की टीम का दो नवीन जिले के निर्माण के साथ राजनांदगांव जिला कार्यकारिणी में जिला पदाधिकारी सहित कार्यकारिणी सदस्य जो नवीन जिला में चले गए है, उनके स्थान में घोषण की जानी है ।जो अब तक नही पाई है , जबकि दोनो नवीन जिला अपनी कार्यकारणी की घोषण कर चुके है ,जिला संगठन का निर्णय नही कर पाने से मिशन 2023 की तैयारी ऊपर सवाल खडा हो जाता है ,जबकि कार्यकर्ताओं में दबी जुबान से नाराजगी दिखाई दे रही इसका मुख्य वजह नेताओं का परिक्रमा दिखाई देता है सभी नेता अपने चहेतों को पद दिलाने चक्कर में मामला अटका पडा हुआ है , जमीनी धरातल में भाजपा दिखाई नही दे रहा है सिर्फ केवल ,सोशल मीडिया में ही नेता दिखाई दे रहे है जिसके चलते भाजपा को जमीनी धरातल में एकबार होमवर्क की जरुरत है बहुत से पुराने चहेरे भाजपा की बैठक से गायब है , जबकि स्वः भाटिया एक एक कार्यकर्ताओं बाकायदा पुछपरख करते थे ,लेकिन पूरी परंपरा ही बदल गया है अब स्वः भाटिया जी के स्थान लेने नेताओं एक होड सी मची हुई है .....
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