बरसात में आंखों का रखें खास ख्याल: एलर्जिक कन्जक्टिवाइटिस होने पर हो सकती है खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं ।सी एन आइ न्यूज़-पुरुषोतम जोशी ।
रायपुर-बारिश, नमी और दूषित जल से कई तरह के बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जिनमें से कुछ आंखों के संक्रमण का कारण बन सकते हैं। बारिश के दिनों में हवा में नमी बढ़ने के कारण वायरस और बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है। इससे आंखों में कन्जक्टिवाइटिस, रेडनेस, आई फ्लू आदि की समस्या होने लगती है। कन्जक्टिवाइटिस वायरस और बैक्टीरिया से फैलता है, जिसके चलते यह एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। कन्जक्टिवाइटिस को पिंक आइज की समस्या भी कहा जाता है। ज्यादातर यह समस्या सामान्य इलाज से ही ठीक हो जाती है। इसके गंभीर होने का खतरा कम होता है। चूंकि आंख सबसे ज्यादा संवेदनशील अंग है, इसलिए इनका विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। एलर्जिक कन्जक्टिवाइटिस होने पर खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि कन्जक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है जो सम्पर्क से फैलती है। अतः मरीज को अपनी आंखों को हाथ नहीं लगाने की सलाह दी जाती है। मरीज के उपयोग की चीजों को अलग रखकर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आंख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है।
*क्या हैं लक्षण ?*
आई फ्लू में आंखें लाल हो जाती हैं। आंखों से पानी आने लगता है, जलन होती है, पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है। आंखों में चुभन होने के साथ-साथ सूजन आ जाती है। आंखों से पानी आना और खुजली होना इसके सामान्यतः दिखाई देने वाले लक्षण हैं। अगर इन्फेक्शन गहरा हो तो आंखों की कॉर्निया को भी नुकसान हो सकता है जिससे आंखों की दृष्टि प्रभावित हो सकती है। मॉनसून सीजन में आई फ्लू का खतरा बच्चों में सबसे ज्यादा होता है।
आई फ्लू या कन्जक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आंखों की सफाई का पूरा ध्यान रखें और उन्हें ठंडे पानी से बार बार धोंए ।आंखों कि साफ सफाई का ध्यान रखे ।संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।पीड़ित होने पर बार बार आंखों पर हाथ ना लगाए ।आंखों में आई ड्राप डालने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
आंखों में बर्फ की सिकाई जलन और दर्द से राहत दिलाति है।भीड़ भाड़ में जाने से बचें अपना तौलिया, रुमाल,चश्मा किसी के साथ साझा न करें ।इन बातों का ध्यान रखने से समस्या दूर हो सकती हैं ।
नेत्र संबंधी कोई भी समस्या होने पर नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क कर समस्या का समाधान करें।
आंखों के जांच के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क सेवा उपलब्ध है ।
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