Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Sunday, October 15, 2023

मोक्षदायिनी दिव्‍य ग्रंथ है देवी भागवत - आचार्य झम्मन शास्त्री

 मोक्षदायिनी दिव्‍य ग्रंथ है देवी भागवत - आचार्य झम्मन शास्त्री 



अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 


महासमुंद - श्रीमद देवी भागवत महापुराण आयु , आरोग्य , पुष्टि , सिद्धि एवं आनंद कथा मोक्ष प्रदान करने वाला दिव्य ग्रंथ है। देवी भागवत एक अत्यंत गोपनीय पुराण है , जिसका वर्णन सर्वप्रथम भगवान शिव ने महात्मा नारद के लिये किया। पूर्वकाल में उसे फिर स्वयं भगवान व्यास ने भक्तिनिष्ठ महर्षि जैमिनि के लिये श्रद्धापूर्वक कहा और फिर उसी को वर्तमान में प्रेषित किया जाता है। इसके श्रवण करने तथा पाठ करने में समस्त प्राणियों को पुण्य प्राप्त होता है।

                                        उक्‍त बातें त्रिमूर्ति कालोनी मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के प्रथम दिवस पुरी शंकराचार्यजी के कृपा पात्र शिष्य एवं प्रख्यात भागवत्वेत्ता आचार्य झम्मन शास्त्रीजी ने व्यासपीठ से कही। उन्होंने आगे कहा कि सभी प्राणी जिनके भीतर स्थित हैं और जिनसे सम्पूर्ण जगत प्रकट होता है , जिन्हें परम तत्‍व कहा गया है , वे साक्षात स्वयं भगवती ही हैं। सभी प्रकार के यज्ञों से जिनकी आराधना की जाती है , जिसके साक्षात हम प्रमाण हैं , वे एकमात्र भगवती ही हैं। जो इस समग्र जगत को धारण करती हैं तथा योगी जन जिनका चिंतन करते हैं और जिनसे यह विश्व प्रकाशित है , वे एकमात्र भगवती दुर्गा ही इस जगत में व्याप्त हैं। आचार्यश्री ने सनातन धर्म पर ज़ोर देते हुये कहा कि सनातन धर्म संपूर्ण विश्व का मुख्य धर्म है जिसमें स्व कल्याण से परे सर्व कल्याण और विश्व शांति की कामना की जाती है। मनुष्य के जीवन में उसकी आयु की लंबाई हो ना हो पर गहराई जरूर होनी चाहिये , तभी वह स्वयं के जीवन को कृतकृत्य करते हुये समाज और सर्व कल्याण की सोचता है। मनुष्य जीवन का लक्ष्य नर से नारायण और भगवत परायण होना ही है। गौरतलब है कि शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर श्रीमती सरिता प्रमोद तिवारी द्वारा श्रीमद् देवी भागवत नवान्ह ज्ञानयज्ञ कथा का आयोजन किया गया है। जिसके प्रथम दिवस रविवार को भव्य कलश यात्रा एवं देवी महात्म्य के साथ कथा का शुभारंभ हुआ।

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad