कोटा विधानसभा में कुर्सी की दौड़ में आज बेलगहना क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे बीजेपी प्रत्याशी व कांग्रेस से प्रबल
कोटा विधानसभा चुनाव में अब दो महीने से भी कम समय रह गया है. इस चुनाव के दो प्रमुख दावेदारों- भाजपा और कांग्रेस के सामने जो चुनौतियाँ हैं, वो एकदम अलग हैं. दोनों पार्टियों में से किसी की भी कोई ग़लती उनके लिए सांप और सीढ़ी का खेल बन सकती है.
चुनाव के तीसरे दावेदार जनता कांग्रेस पार्टी है भाजपा और कांग्रेस में से किसी के लड़खड़ाने का इंतज़ार कर रही है वह कोटा मे'किंग तो है वही इस बार अतिम है तो,राज्य सरकार मे किंगमेकर' तो बन सके. जकाँछा की इच्छा पूर्ति इस बात पर निर्भर करती है कि राज्य की राजनीति के प्रमुख दावेदारों यानी कांग्रेस और बीजेपी अपनी चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं.
यदि भाजपा या उसके विधायक (सत्ता विरोधी लहर) का सामना कर रहे हैं, तो बीजेपी ऐसी ज़मीन पर चल रही है, जो पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. कुछ हफ़्ते पहले राज्य के सामने जितने विवादित मामले थे,अब उतने मुद्दे नहीं बचे हैं.
उदाहरण के तौर पर,PSC चैन को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, क्योंकि हाई कोर्ट ने इस पर नाराज़गी जताई थी PSC विवाद में फँसाने के लिए कांग्रेस के सामने चारा फेंके हैं.
नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर मे एक जनसभा में यह भी कहा कि अगर छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार चुनी जाती है, तो राज्य में PSC की जांच होंगी।
अटल श्रीवास्तव (पर्यटन मंडल अध्यक्ष) संदीप शुक्ला मंडी अध्यक्ष कोटा का आगमन आमागोहन खोगसरा मे सभी कार्यकर्त्ताओ से भेट मुलाक़ात करना भी लगभग तय कर देता है की इस बार अटल प्रबल दावेदार हैँ कांग्रेस की ओर से तो वहीं भाजपा से प्रबल प्रताप हैं तारणहार।
चुनाव मे मुकाबला इस बार त्रिकोणीय रहने सम्भावना है।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.