छत्तीसगढ़ संस्कृति की पहचान लोकगीत लोक नृत्य लोक संस्कृति।
छत्तीसगढ़ की पहचान उसके संस्कृति उसके लोकगीत उसके लोक नृत्य आदि से होता है जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में हर त्यौहार पर अलग-अलग लोक नृत्य लोकगीत प्रस्तुत की जाती है वह उसकी धरोहर है जैसे होली के अवसर पर फाग गीत नवदुर्गा अष्टमी के अवसर पर जस गीत ठीक वैसे ही दीपावली के अवसर पर सुवा राउत नाचा किया जाता है। पिथौरा जो कि आसपास की बड़े बाजारों में गिनती होती है इस अवसर पर बाहर से सुवा नृत्य करने वाले गांव के लोग यहां आते हैं सुंदर-सुंदर सुवा गीतों की प्रस्तुति होती है महिलाएं झूम कर इस पर नाचती हैं ग्राम परसा पाली के महिलाएं जो अधिक संख्या में पहुंचकर सुंदर साड़ी पहनकर नाच रही है और छत्तीसगढ़ संस्कृति को उच्च स्थान दे रही हैं।
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